देश की खबरें | ज्ञानवापी परिसर के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में अगली सुनवाई 21 नवंबर को
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी परिसर स्थित ‘व्यास जी के तहखाने’ को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में सुनवाई सोमवार को कचहरी परिसर में शोक के कारण नहीं हो सकी। जिला जज ने इस मामले में सुनवाई के लिए 21 नवम्बर की अगली तारीख तय की है।
वाराणसी (उप्र), 20 नवंबर वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी परिसर स्थित ‘व्यास जी के तहखाने’ को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में सुनवाई सोमवार को कचहरी परिसर में शोक के कारण नहीं हो सकी। जिला जज ने इस मामले में सुनवाई के लिए 21 नवम्बर की अगली तारीख तय की है।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित 'व्यास जी के तहखाने' को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में आज की सुनवाई कचहरी में शोक की वजह से नहीं हो सकी। जिला जज ए के विश्वेश ने इस मामले में सुनवाई के लिए 21 नवम्बर की तारीख तय की है।
यादव ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने’ को जिलाधिकारी को सौंपने के मामले में आठ नवम्बर को सुनवाई पूरी करते हुए आदेश को 18 नवम्बर के लिए सुरक्षित रख लिया था।
उन्होंने बताया कि लेकिन इसी दौरान अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने एक प्रार्थना पत्र देते हुए खुद को इस मामले में पक्षकार बनाए जाने और उन्हें सुनने की अपील जिला जज ए के विश्वेश से की, इस पर अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिये कहा था।
उन्होंने अपना पक्ष रखा पर समय कम होने की वजह से अदालत ने जल्दी बात खत्म करने के लिये कहा पर रस्तोगी ने दलील दी कि उन्हें अभी और समय चाहिए। इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 20 नवंबर सोमवार की तारीख दी थी।
अब यह सुनवाई मंगलवार को होगी। इसके पहले यादव ने बताया था कि अधिकारियों ने ‘व्यास जी का तहखाना’ की 1993 में घेराबंदी कर दी थी।
इससे पूर्व, यह तहखाना पूजा-पाठ के लिए पुजारी सोमनाथ व्यास द्वारा उपयोग किया जाता था।
यादव ने मुस्लिम पक्ष द्वारा तहखाने के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताते हुए कहा कि इसकी चाबी जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी जानी चाहिए।
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