जरुरी जानकारी | सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से ‘प्रतीक्षा अवधि’ बढ़ने से कारों की मांग पर नकारात्मक असर : मारुति
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का मानना है कि सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से ‘प्रतीक्षा अवधि’ (वेटिंग पीरियड) बढ़ने के चलते देश में कारों की मांग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि पिछले कुछ माह के दौरान चिप की आपूर्ति धीरे-धीरे सुधर रही है।
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का मानना है कि सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से ‘प्रतीक्षा अवधि’ (वेटिंग पीरियड) बढ़ने के चलते देश में कारों की मांग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि पिछले कुछ माह के दौरान चिप की आपूर्ति धीरे-धीरे सुधर रही है।
कंपनी के पास वर्तमान में लगभग 2.5 लाख इकाइयों का लंबित ऑर्डर है। वहीं बाजार में मांग भी लगातार मजबूत बनी हुई है। नवंबर में कंपनी का उत्पादन सामान्य का 80 प्रतिशत से अधिक रहा है।
मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (विपणन और बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बुकिंग से पता चलता है कि मांग काफी मजबूत है। पूछताछ और बुकिंग दोनों में सुधार है। लेकिन अब उपलब्धता एक मुद्दा है और प्रतीक्षा अवधि बढ़ गई है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसलिए हमें आशंका है कि लंबी प्रतीक्षा अवधि की वजह से मांग का रुख प्रभावित हो सकता है, इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।’’
वर्तमान में घरेलू यात्री वाहन बाजार में मॉडल और संस्करणों के आधार पर प्रतीक्षा अवधि हफ्तों से लेकर महीनों तक हो सकती है।’’
श्रीवास्तव ने हालांकि कहा कि मारुति की बुकिंग रद्द नहीं हो रही हैं क्योंकि कंपनी अपने ग्राहकों के साथ लगातार संवाद कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘लगभग प्रत्येक ग्राहक से हर हफ्ते संपर्क किया जा रहा है और उन्हें स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है, वे प्रतीक्षा अवधि के कारण बुकिंग रद्द नहीं कर रहे हैं। ’’
इसके अलावा कंपनी इस स्थिति से निपटने के लिए उत्पादन को बढ़ाने का हरसंभव प्रयास कर रही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी के कारण आपूर्ति में आई गिरावट में अब सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की उपलब्धता को देखें, तो यह अगस्त और उसके बाद से उत्पादन को प्रभावित कर रहा है। स्थिति थोड़ी बेहतर हो रही है - सितंबर में कंपनी का उत्पादन 40 प्रतिशत था। यह अक्टूबर में 60 प्रतिशत था, नवंबर में यह लगभग 83-84 प्रतिशत था। दिसंबर में हमें उत्पादन सामान्य का करीब 80 से 85 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्थिति कब सामान्य होगी, यह कहना मुश्किल है क्योंकि इसमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला शामिल है।
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