देश की खबरें | दिल्ली में स्थिति बेहतर बनाने के लिए प्रदूषण के सभी स्रोतों से क्षेत्रीय सतर पर निपटने की जरूरत:विशेषज्ञ
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा है कि वायु गुणवत्ता के मामले में दिल्ली की स्थिति बेहतर बनाने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर प्रदूषण के सभी स्रोतों से निपटने की जरूरत है।
नयी दिल्ली, 17 मार्च पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा है कि वायु गुणवत्ता के मामले में दिल्ली की स्थिति बेहतर बनाने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर प्रदूषण के सभी स्रोतों से निपटने की जरूरत है।
गौरतलब है कि स्विस संगठन ‘आईक्यू एयर’ द्वारा तैयार और मंगलवार को जारी ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट, 2020’ के मुताबिक दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी शहरों की सूची में शीर्ष पर है।
इसबीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि शहर की आम आदमी पार्टी सरकार की कोशिशों के चलते पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर 15 प्रतिशत घटा है।
स्विस संगठन की रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद मंत्री का यह बयान है।
टेरी के निदेशक (पृथ्वी विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) सुमित शर्मा ने कहा कि दिल्ली में पीएम 2.5 (हवा में 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के आकार वाले कण) की कुल मात्रा में 20 प्रतिशत औद्योगिक क्षेत्रों से आते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी उद्योगों को गैसीय ईंधनों से चालित किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘परिवहन क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर करने, निजी वाहनों का इस्तेमाल घटाने तथा परिवहन के साधनों का आधुनिकीकरण करने की जरूरत है।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘दिल्ली के बाहर जैवईंधन (बायोमास) पर निर्भरता एक और मुद्दा है। इसका उन्मूलन करने के लिए गरीबों में गरीब व्यक्ति को सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर मुहैया करने की जरूरत है। ’’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व लैब प्रमुख दीपांकर साहा ने कहा कि धूल प्रदूषण समूचे उत्तर भारत में एक बड़ी समस्या है।
ग्रीनपीस साउथइस्ट एशिया एनालिसिस ऐंड आईक्यूएयर द्वारा किये गये एक हालिया अध्ययन के मुताबिक वायु प्रदूषण से 2020 में दिल्ली में 54,000 लोगों की समय से पहले मौत होने का अनुमान है।
मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा गया है, ‘‘दिल्ली सरकार ने शहर में वायु प्रदूषण को घटाने के लिए निरंतर ही अपनी प्रशासनिक इच्छा शक्ति दिखाई है, जिसके चलते यह 15 प्रतिशत तक कम हुआ है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष 10 प्रदूषति शहरों में नौ उत्तर प्रदेश में हैं। दिल्ली प्रदूषित हुआ करती थी ,लेकिन हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं...इसका कारण अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा लगातार की गई कोशिशें हैं।’’
राय ने कह कि दिल्ली देश में पहला शहर है जिसने अपना ताप बिजली संयंत्र बंद किया था।
स्विस संगठन की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2019 के मुकाबले 2020 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। लेकिन सुधार के बावजूद दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है। लेकिन राजधानी शहरों की बात करें तो दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में भारत प्रमुखता से दिख रहा है और विश्व के सबसे प्रदूषित 30 शहरों में से 22 वहीं के हैं।’’
दिल्ली के अलावा 21 अन्य शहर हैं... उत्तर प्रदेश के, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर, राजस्थान में भिवाड़ी, हरियाणा में फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, बंधवाड़ी, गुरुग्राम, यमुनानगर, रोहतक और धारुहेड़ा और बिहार में मुजफ्फरपुर।
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है चीन का शिंजियांग। उसके बाद शीर्ष 10 में से नौ शहर भारत के हैं।
दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है। उसके बाद बुलंदशहर, बिसरख जलालपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ और भिवाड़ी का नंबर आता है।
इन शहरों में प्रदूषण का स्तर पीएम2.5 के आधार पर मापा गया है।
रिपोर्ट में कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभावों और दुनिया भर में पीएम2.5 प्रदूषकों में आए बदलाव को भी बताया गया है।
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