जरुरी जानकारी | एनसीएलएटी ने दिल्ली जिमखाना क्लब का प्रबंधन सरकार को बरकरार रखा
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नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने प्रतिष्ठित दिल्ली जिमखाना क्लब का प्रबंधन केंद्र सरकार को अपने हाथ में लेने की अनुमति देने का आदेश सोमवार को बरकरार रखा।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एनसीएलटी की मुख्य पीठ की तरफ से पारित आदेश के खिलाफ तत्कालीन प्रबंधन सदस्यों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने इस साल एक अप्रैल को कंपनी कानून के ‘उल्लंघन’ का हवाला देते हुए दिल्ली जिमखाना क्लब के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को मंजूरी दी थी। उसने कहा था कि सरकार के पास ऐसा करने के लिए 'पर्याप्त सामग्री' है क्योंकि यह कुप्रबंधन का मामला है।
एनसीएलटी ने मंत्रालय को क्लब की सामान्य समिति में 15 व्यक्तियों को निदेशक के रूप में नामित करने और क्लब के मामलों का प्रबंधन करने की भी अनुमति दी थी। इस आदेश को अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी गई थी।
एनसीएलएटी के चेयरपर्सन अशोक भूषण और सदस्य अरुण बरोका की दो सदस्यीय पीठ ने इस आदेश को बरकरार रखा। हालांकि, पीठ ने सरकार को 31 मार्च, 2025 तक एनसीएलटी द्वारा अनिवार्य सभी सुधारात्मक कदम उठाने का भी निर्देश दिया है।
समिति को 31 मार्च, 2025 के तीन महीने बाद क्लब में चुनाव कराने का भी निर्देश दिया गया है।
दिल्ली जिमखाना क्लब ने शुरू में खेल और मनोरंजन से संबंधित विशिष्ट उद्देश्यों के साथ धारा आठ कंपनी के रूप में पंजीकरण कराया था और सरकार से पट्टे पर जमीन भी हासिल की थी। लेकिन सरकार ने आरोप लगाया कि क्लब समय के साथ अपने स्वीकृत उद्देश्यों से दूर जाने लगा है।
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