नवाब मलिक अपने दावे पर कायम, कहा- समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि वह अपने दावों पर कायम हैं कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं और उन्होंने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया था.

समीर वानखेड़े और नवाब मलिक (Photo Credits ANI)

मुंबई, 31 अक्टूबर : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने रविवार को कहा कि वह अपने दावों पर कायम हैं कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं और उन्होंने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया था. मलिक ने पत्रकारों से कहा कि वह जाति या धर्म की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि इस बात पर प्रकाश डाल रहे हैं कि कैसे ‘‘फर्जी’’ जाति प्रमाण पत्र पर सरकारी नौकरी प्राप्त की गई. मलिक पिछले कई दिनों से वानखेड़े को निशाना बना रहे हैं. वानखेड़े के नेतृत्व में एनसीबी की टीम ने इस महीने की शुरुआत में यहां एक क्रूज जहाज पर छापेमारी की थी और इस दौरान कथित तौर पर नशीले पदार्थ की बरामदगी हुई थी. मंत्री ने बार-बार दावा किया है कि दो अक्टूबर को क्रूज जहाज पर की गई कार्रवाई ‘‘फर्जी’’ थी. छापे के दौरान अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत अन्य लोगों को पकड़ा गया था. वानखेड़े ने इससे पहले मंत्री द्वारा उनके ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया था.

रविवार को मलिक ने दावा किया कि भले ही वानखेड़े मुस्लिम थे लेकिन जब उन्होंने मुंबई हवाई अड्डे पर कुछ बॉलीवुड हस्तियों को रोका, तब सुर्खियों में आने के बाद ‘‘2015 से अपनी पहचान बदलनी’’ शुरू कर दी. राकांपा नेता ने कहा, ‘‘अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर दाऊद वानखेड़े (एनसीबी अधिकारी के पिता) डी के वानखेड़े और बाद में ज्ञानदेव बने. यास्मीन वानखेड़े (एनसीबी अधिकारी की बहन) जैस्मीन बन गईं और उसने अपने पति को तलाक दे दिया, जो एक मुस्लिम है और अब यूरोप में बस गया है.’’ मलिक ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर के इस बयान पर भी आपत्ति जताई कि वानखेड़े ने कभी धर्मांतरण नहीं किया. मलिक ने कहा, ‘‘हलदर भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हों, लेकिन उनकी नियुक्ति संवैधानिक पद पर हुई है. यह भी पढ़ें : Uttarakhand: देहरादून जिले के चकराता हादसे में 13 की मौत, पीएम मोदी ने मृतक परिवार को 2-2 लाख, घायलों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि का किया ऐलान

उन्हें मीडिया के सामने आने और यह टिप्पणी करने के बजाय कि वानखेड़े ने धर्मांतरण नहीं किया है, उन्हें क्या जानकारी दी गई है, इसके सभी तथ्यों को सत्यापित करना चाहिए. अपनी रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और इसे संसद में प्रस्तुत करना चाहिए. कोई व्यक्ति जो अनुसूचित जाति से नहीं है, वह लाभ का दावा नहीं कर सकता.’’ मलिक ने कहा, ‘‘समीर वानखेड़े ने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया क्योंकि वह जन्म से मुसलमान हैं. उनके पिता ने धर्म परिवर्तन किया था और दोनों बच्चे पैदाइशी मुस्लिम हैं. मैं जाति और धर्म की लड़ाई नहीं लड़ रहा हूं, बल्कि इस बात पर प्रकाश डाल रहा हूं कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर सरकारी नौकरी कैसे मिली.’’

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