जरुरी जानकारी | कृषि विभाग के अंतर्गत सभी खेतों में प्राकृतिक खेती अपनाई जाएगी: मुख्यमंत्री
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शिमला, 10 जनवरी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि कृषि विभाग के अंतर्गत सभी खेतों को अगले साल तक प्राकृतिक खेती के लिए पूरी तरह से विकसित कर दिया जाएगा। इसमें केवल प्राकृतिक खेती के लिए बीज उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने विभाग को राज्य भर में प्राकृतिक खेती के तरीकों से गेहूं और मक्का की खेती करने वाले किसानों का मानचित्रण करने के निर्देश दिए और प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित अनाज के लिए उच्च तकनीक भंडारण केंद्रों की स्थापना के निर्देश जारी किए।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है और राज्य सरकार अधिकतम कृषक समुदाय को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप से उगाई जाने वाली फसलों में रोग प्रबंधन के लिए प्राकृतिक उपचार विधियों को अपनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बीजों के लिए प्रमाणन प्रक्रिया विकसित करने पर बल दिया और विभाग को प्राकृतिक खेती की पहल का समर्थन करने के लिए मिट्टी और बीजों के परीक्षण के लिए एक उच्च स्तरीय प्रयोगशाला स्थापित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार हल्दी और अदरक के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने की योजना बना रही है। इसके अलावा, सरकार इस क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पालमपुर स्थित चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय में डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उन्होंने विभाग को ई-कॉमर्स मंच के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि खरीफ सत्र 2024-25 के दौरान प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई गई 3,989 क्विंटल मक्का खरीदी गई थी। आगामी रबी मौसम के लिए लक्ष्य 8,050 क्विंटल निर्धारित किया गया है।
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