प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में नगालैंड सरकार को नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान की उम्मीद
नगालैंड सरकार को उम्मीद और विश्वास है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान नगा राजनीतिक मुद्दों का समाधान जरूर निकलेगा.
कोहिमा, 28 जून : नगालैंड सरकार को उम्मीद और विश्वास है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान नगा राजनीतिक मुद्दों का समाधान जरूर निकलेगा. राज्य सरकार के एक मंत्री ने यह जानकारी दी. नगालैंड सरकार के प्रवक्ता और पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग ने बृहस्पतिवार को कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली राजग की इस नयी सरकार में राज्य सरकार नगा राजनीतिक मुद्दे का सकारात्मक समाधान चाहेगी.''
उन्होंने कहा कि नगालैंड के लोगों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार का विश्वास जीतने के लिए दृढ़ निश्चयी होने की जरूरत है ताकि नगा राजनीतिक समूहों के साथ मिलकर काम किया जा सके. नगा राजनीतिक समूह दशकों पुरानी नगा समस्या का समाधान खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत कर रहे हैं. नगालैंड सरकार के प्रवक्ता और पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉन्ग ने कहा, ''इस समस्या को हल करने के लिए हम सभी को एक साथ आना होगा और यह काम सबसे पहले किया जाना चाहिए क्योंकि बिना बातचीत के इसका समाधान नहीं हो सकता.'' यह भी पढ़ें : दिल्ली में जलभराव की स्थिति पर चर्चा के लिए सरकार करेगी आपात बैठक
नगालैंड सरकार ने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए मंत्रियों और राज्य विधानसभा में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को शामिल करते हुए एक 'राजनीतिक मामलों की समिति' (पीएसी) का गठन किया है. अलॉन्ग ने कहा, ''राज्य सरकार हमारे लोगों के विकास और प्रगति की खातिर स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.'' केंद्र और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड- इसाक-मुइवा (एनएससीएन-आईएम) ने वर्ष 1997 में संघर्ष विराम समझौता किया था और नगा मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए बातचीत शुरू की थी. दोनों पक्षों ने 2015 में एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे.
केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (डब्ल्यूसी एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ एक अलग वार्ता भी शुरू की थी और उसी वर्ष सहमति समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे. सहमति समझौतों के बावजूद आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया क्योंकि केंद्र सरकार नगा लोगों के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की मांग को लगातार अस्वीकार करती आ रही है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने एनएससीएन-आईएम की उन सभी क्षेत्रों को एक दायरे में लाकर एकीकृत करने की मांग को भी ठुकरा दिया था, जहां-जहां नगा समुदाय के लोग रह रहे हैं.