देश की खबरें | मेरा नाम अरविंद केजरीवाल है और मैं आतंकवादी नहीं हूं: तिहाड़ जेल से दिल्ली के मुख्यमंत्री का संदेश

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल से नागरिकों के लिए एक संदेश जारी कर कहा है ‘‘मेरा नाम अरविंद केजरीवाल है और मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं।’’

सिंह ने जेल में बंद केजरीवाल के साथ किये जा रहे कथित व्यवहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की।

सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रतिशोध और दुर्भावना के चलते उन्हें तोड़ना चाहती है, लेकिन वह इन सबसे और अधिक मजबूत होकर उभरेंगे।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि तिहाड़ जेल में बंद एक ‘कुख्यात अपराधी’ को बैरक में अपने वकील और पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई, जबकि केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुलाकात के दौरान उनके बीच कांच की दीवार थी।

सिंह ने कहा कि खुद के साथ हो रहे व्यवहार से आहत होकर केजरीवाल ने देशवासियों के लिए संदेश भेजा है कि ‘‘मेरा नाम अरविंद केजरीवाल है और मैं आतंकवादी नहीं हूं।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री का बयान 2010 की शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ‘माई नेम इज खान’ से लिया गया है जिसमें अभिनेता कहते हैं, ‘‘माई नेम इज खान और मैं आतंकवादी नहीं हूं।’’

सिंह ने कहा, ‘‘केजरीवाल के साथ एक आतंकवादी की तरह व्यवहार किया जा रहा था और उन्हें ‘कांच की दीवार’ के जरिये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने की अनुमति दी गई थी।’’

धन शोधन मामले में छह महीने जेल में रहने के बाद हाल ही में रिहा हुए सिंह ने आरोप लगाया कि, ‘‘तिहाड़ की जेल संख्या दो में एक कुख्यात अपराधी अपने वकील और पत्नी से बैरक में मिला। इसी तरह अन्य बंदियों की भी जेल कार्यालय में मुलाकात कराई जाती है।’’ हालांकि, उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया।

महानिदेशक (जेल) संजय बेनीवाल ने सोमवार को कहा था कि कैदियों के साथ व्यवहार में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उन्हें समान मूल अधिकार मिले।

मान ने सोमवार को तिहाड़ जेल में केजरीवाल से मुलाकात की और आरोप लगाया कि उन्हें वहां वे सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं जिन्हें एक कट्टर अपराधी को भी मुहैया कराने की अनुमति है।

इस पर अपनी प्रतिक्रिया में बेनीवाल ने कहा, ‘‘कट्टर या सामान्य अपराधी के बीच कोई अंतर नहीं है। जेल नियमावली में कैदियों के बीच कोई अंतर नहीं है। हर कैदी के पास बुनियादी अधिकार हैं और इसे सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)