मुंबई, 26 मई मुंबई की एक अदालत ने रविवार को उस विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे की पुलिस हिरासत की अवधि 29 मई तक बढ़ा दी, जिसने यहां घाटकोपर इलाके में एक विशाल होर्डिंग लगाया था और जिसके गिरने से 17 लोगों की जान चली गई।
भिंडे की विज्ञापन कंपनी ‘मेसर्स एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने एक पेट्रोल पंप के पास एक विशाल होर्डिंग लगाया था, जो गत 13 मई को धूल भरी आंधी चलने और बारिश की वजह से गिर गया था।
भिंडे घटना के बाद फरार हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर-इरादतन हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया था।
उसे 16 मई को राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार कर यहां लाया गया था। इसके बाद भिंडे को 26 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने रविवार को भिंडे को उसकी हिरासत की अवधि समाप्त होने पर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया।
अपराध शाखा ने इस आधार पर उसकी हिरासत अवधि और बढ़ाने की मांग की कि वह कंपनी द्वारा शहर भर में लगाए गए अन्य होर्डिंग्स के बारे में भी पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने कहा कि इसके अलावा होर्डिंग लगाने से जुड़े वित्तीय पहलू की भी जांच की जा रही है।
आरोपी की ओर से पेश वकील रिजवान मर्चेंट ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी केवल ढहे होर्डिंग के संबंध में है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद भिंडे की पुलिस हिरासत की अवधि 29 मई तक बढ़ा दी।
बृहन्मुंबई नगर निगम के अनुसार, उसने होर्डिंग लगाने की अनुमति नहीं दी थी।
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