देश की खबरें | एमयूडीए घोटाला: शिकायतकर्ता ने लालच देने और दबाव डालने का दावा किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक में जिस आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाले में मामला दर्ज किया गया था, उसने कहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. का निजी सहायक होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उसे और उसके बेटे को "लालच देने व दबाव बनाने का प्रयास" किया है।

मैसूर, 18 दिसंबर कर्नाटक में जिस आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाले में मामला दर्ज किया गया था, उसने कहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. का निजी सहायक होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उसे और उसके बेटे को "लालच देने व दबाव बनाने का प्रयास" किया है।

स्नेहमयी कृष्णा ने बुधवार को कहा कि उनसे मामले में सीबीआई जांच की मांग न करने को कहा गया था।

सिद्धरमैया पर आरोप है कि एमयूडीए ने उनकी पत्नी की ‘अधिग्रहीत’ भूमि के बदले उन्हें 14 भूखंड आवंटित करने में अनियमितता की है।

कृष्णा ने कहा, "13 दिसंबर को जब मैं एमयूडीए के पास था, तो मेरी जानकार श्रीनिधि नामक महिला मुझसे मिली और हर्ष नामक व्यक्ति से परिचय कराया। हर्ष ने दावा किया कि वह पार्वती का निजी सहायक है और पार्वती मानसिक रूप से परेशान है, इसलिए मैं एमयूडीए मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए दबाव न डालूं और लोकायुक्त जांच जारी रहने दूं।"

कृष्णा ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, "उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि अगर मैं सहयोग करूंगा तो वह मुझे मुंह मांगी रकम देगा।"

कृष्णा ने कहा कि जब वह इस पर सहमत नहीं हुए तो हर्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि पार्वती निर्दोष हैं, उन्हें कुछ भी पता नहीं है और मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू तथा सी टी कुमार ने उन्हें धोखा दिया है।

कृष्णा ने कहा, "मैंने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि पार्वती पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं कि उनके साथ धोखा हुआ है। जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।"

उन्होंने यह भी दावा किया कि 14 दिसंबर को जब वह शहर से बाहर थे, हर्ष और श्रीनिधि उनके घर के पास उनके बेटे के पास आए और उसे लालच देने और दबाव बनाने की कोशिश की।

उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे बेटे को पैसों से भरे बैग का वीडियो भी दिखाया, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह किसी गंगाराजू नाम के व्यक्ति को दिया गया था। उन्होंने मेरे बेटे से मुझे मनाने के लिए कहा। मेरे बेटे ने उनकी बात नहीं मानी और उन्हें वापस भेज दिया।"

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