मप्र : व्यापमं घोटाले में पीएमटी के फर्जी परीक्षार्थी और मूल उम्मीदवार को सश्रम कारावास
मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले से जुड़े पीएमटी फर्जीवाड़े के मामले में इंदौर की विशेष अदालत ने एक फर्जी परीक्षार्थी और अपने अवैध चयन के लिए इस व्यक्ति की मदद लेने वाले मूल उम्मीदवार को बुधवार को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सुनाई। हरेक मुजरिम पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अभियोजन पक्ष के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इंदौर, 11 अक्टूबर: मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले से जुड़े पीएमटी फर्जीवाड़े के मामले में इंदौर की विशेष अदालत ने एक फर्जी परीक्षार्थी और अपने अवैध चयन के लिए इस व्यक्ति की मदद लेने वाले मूल उम्मीदवार को बुधवार को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सुनाई। हरेक मुजरिम पर 14,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. अभियोजन पक्ष के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने बताया कि व्यापमं घोटाले के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता ने पुरुषोत्तम खोइया और सौरभचंद्र गुप्ता को भारतीय दंड विधान और मध्यप्रदेश मान्यताप्राप्त परीक्षा अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत मुजरिम करार देते हुए सजा सुनाई.
शर्मा ने बताया कि मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले दोनों मुजरिमों की उम्र 35 साल के आस-पास है और उन पर जुर्म साबित करने के लिए सीबीआई ने अदालत के सामने 28 गवाह पेश किए थे. उन्होंने बताया कि 2009 में आयोजित पीएमटी में मूल उम्मीदवार खोइया की जगह फर्जी परीक्षार्थी गुप्ता बैठा था और अपने चयन के बाद खोइया ने इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला भी ले लिया था. शर्मा ने बताया,‘‘महाविद्यालय की तत्कालीन अधिष्ठाता (डीन) डॉ. पुष्पा वर्मा को 2014 में अज्ञात लोगों की ओर भेजे गए दो अलग-अलग पत्रों में कहा गया कि खोइया फर्जी तरीके से पीएमटी में चयनित होकर इस संस्थान में पढ़ाई कर रहा है.’’
उन्होंने बताया कि डीन की ओर से गठित जांच समिति ने संबंधित दस्तावेजों और आरोपियों की तस्वीरों की छानबीन की, तो इस फर्जीवाड़े की तसदीक हुई जिसके बाद संयोगितागंज थाने में मामला दर्ज कराया गया था. विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले में सीबीआई की जांच में जब गुप्ता की कथित भूमिका का पता चला, तब वह दिल्ली के एक महाविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था. वर्ष 2013 में सामने आया व्यापमं घोटाला गिरोहबाजों, अधिकारियों और सियासी नेताओं की कथित साठगांठ से राज्य सरकार की सेवाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं में सैकड़ों उम्मीदवारों के गैरकानूनी चयन से जुड़ा है.
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