ताजा खबरें | आरती उतारने की बात कर किसानों के रास्तों में कांटे बिछाती है मोदी सरकार : कांग्रेस

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्षी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि वह किसानों की आरती उतारने की बात करती है लेकिन उनके रास्तों में कांटे बिछाती है और उनके साथ न्याय नहीं करती।

नयी दिल्ली, एक अगस्त राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्षी कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि वह किसानों की आरती उतारने की बात करती है लेकिन उनके रास्तों में कांटे बिछाती है और उनके साथ न्याय नहीं करती।

वहीं, सत्तापक्ष ने विपक्ष के इन आरोपों को सिरे खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों के कल्याण के साथ ही उनके सम्मान के प्रति भी गंभीर है तथा तत्कालीन संप्रग सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की सिफारिश को ठुकरा दिया था।

कांग्रेस सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने किसानों को ‘‘शकुनि की चौपड़ का मोहरा’’ बना दिया है। उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुई चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों के नाम पर दिखावा करती है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के कल्याण की बात करती है, उनकी आरती उतारने की बात करती है लेकिन उनकी राहों में कांटे और नश्तर बिछाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन यह भी सरकार का एक और जुमला साबित हुआ।

सुरजेवाला ने कहा कि इस सरकार के नौ साल के आंकड़ों के अनुसार एक लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि हर दिन देश में औसतन 31 अन्नदाता आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को संवदेनशीलता दिखानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी स्थायी संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है किसानों की आय बढ़ने के बदले कम हो गयी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों को सब्जबाग दिखाती है लेकिन उनके कल्याण के लिए काम नहीं करती।

सुरजेवाला ने कृषि से जुड़ी विभिन्न केंद्रीय योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पर्याप्त राशि नहीं आवंटित की गयी। उन्होंने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र का आवंटन घटकर 2.74 प्रतिशत रह गया।

इस क्रम में उन्होंने सोलर पंप संबंधी योजना का जिक्र किया और कहा कि देश के 72 करोड़ किसानों के लिए मात्र चार लाख सोलर पंप लगाकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि फसल बीमा योजना वास्तव में निजी बीमा कंपनी मुनाफा योजना बन गयी है और इस योजना के तहत किसानों के बदले बीमा कंपनियों को भारी मुनाफा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार खेती को बंधक बनाने के लिए पहले तीन किसान विरोधी कानून लेकर आयी और किसानों ने उन कानूनों का विरोध किया और करीब एक साल तक वे दिल्ली की सीमा पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि इस दौरान 700 किसानों की मौत हो गई।

कांग्रेस सदस्य ने कहा कि किसानों के विरोध के बाद सरकार ने उन कानूनों को वापस ले लिया लेकिन एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी नहीं दी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह एमएसपी घोषित करती है लेकिन फसलों की खरीद ही नहीं करती तो ऐसे में एमएसपी का क्या फायदा है?

उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार ने बाजार हस्तक्षेप नीति को बंद कर दिया, वहीं उसने उर्वरकों पर लाखों रुपए की सब्सिडी कम कर दी।

चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुरेंद्र सिंह नागर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि उसे यह सोचना चाहिए कि किसानों की मौजूदा हालत के लिए जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही किसान ऋण के जाल में फंसे थे और उन्हें राहत देने के नाम पर एक बार 72,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की गई लेकिन वास्तविक आवंटन 51,000 करोड़ रुपये ही था।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को राहत प्रदान करने के लिए अब तक किसान सम्मान निधि के तहत तीन लाख करोड़ सीधे उनके बैंक खातों में दे चुकी है।

उन्होंने कहा कि वह तीन साल तक कृषि संबंधी स्थायी समिति के सदस्य थे और उन्हें उस समिति में एम एस स्वामीनाथन के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि तीन साल तक समिति ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की सिफारिश की लेकिन तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने उसे अस्वीकार कर दिया।

नागर ने कहा कि मोदी सरकार ने उस आयोग की सिफारिशों को लागू किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के कल्याण के साथ ही उनके सम्मान के प्रति भी गंभीर है और उसने किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह एवं स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे सोचना चाहिए कि किसानों की मौजूद हालत क्यों हुई। उन्होंने विभिन्न आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इस सरकार ने कांग्रेस नीत सरकार की तुलना में कृषि क्षेत्र के आवंटन में कई गुना वृद्धि की है।

फसल बीमा योजना की बात करते हुए भाजपा सदस्य ने कहा कि इस संबंध में लंबे समय से मांग की जा रही थी और जब किसान बैंकों से ऋण लेते थे, बैंक खुद ही बीमा के लिए प्रीमियम की राशि काट लेते थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने इसे वैकल्पिक बना दिया और अब बैंक खुद पैसे नहीं काट सकते।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे सोचना चाहिए कि किसानों की मौजूद हालत क्यों हुई। उन्होंने कहा कि इस सरकार के कदमों के कारण भारत आज अनाज के मामले में आत्मनिर्भर है और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने की स्थिति में है।

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