इस्पात मंत्रालय ने उपक्रमों से कहा अपने कारखानों के आसपास प्रवासी मजदूरों, जरूरतमंदो को भोजन करायें
जमात

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों को उनके कारखानों और दूसरे कार्ये क्षेत्रों के आसपास प्रवासी कामगारों और समाज के कमजोर तबकों को खाना खिलाने के लिये ‘अन्नदान पहल’ करने को कहा है।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्रधान स्थिति का जायजा लेने के लिये दैनिक आधार पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों के साथ वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये बैठक करते रहे हैं।

उसने कहा, ‘‘मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों को अपने कामकाज वाले क्षेत्र के आसपास प्रवासी कामगारों और समाज के कमजोर तबकों को खाना खिलाने के लिये ‘अन्नदान पहल’ करने को कहा है। सार्वजनिक उपक्रमों ने इस दिशा में कदम उठाया है।’’

प्रधान ने यह भी कहा कि सार्वजनिक उपक्रम अपने-अपने क्षेत्रों में व्हाट्सएप ई-मेल, एसएमएस, ट्विटर और अन्य सोशल नेटवर्किंग माध्यमों से आरोग्य सेतु एप के लाभ को प्रचारित-प्रसारित करेंगे।

इसके अलावा इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को उनके कार्यस्थल, टाउनशिप, खान आदि जगहों पर सामाजिक दूरी नियम का पालन करने को कहा गया है। साथ ही अनुपालन रिपोर्ट दैनिक आधार पर मंत्रालय को देने को कहा गया है।

अधिकारी के अनुसार सार्वजनिक उपक्रमों को अपने अस्पतालों, अलग वार्ड को कोराना वायरस मरीजों के लिये रखने की सलाह दी गयी है।

इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत सात सार्वजनिक उपक्रम हैं। इनमें भारतीय इस्पात प्राधिकरण लि. (सेल) और राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. इस्पात उत्पादित करती हैं जबकि एनएमडीसी और मॉयल खनन कंपनियां हैं। केआईओसीएल पेलेट (ढेला) बनाने वाली कंपनी है। इसके अलावा एमएसटीसी ई-वाणिज्य कंपनी और तथा मेकोन सलाहकार कंपनी है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)