जरुरी जानकारी | दिल्ली जिमखाना क्लब मामले में एनसीएलटी के आदेश को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने दी चुनौती

नयी दिल्ली, 27 जून कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने दिल्ली जिमखाना क्लब मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के फैसले को चुनौती दी है। मंत्रालय ने इसके लिये राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का रुख किया है।

एनसीएलटी ने औपनिवेशिक काल के दिल्ली जिमखाना क्लब से संबंधित मामलों को देखने के लिये क्लब के कामकाज का प्रबंधन करने वाली आम समिति में दो सदस्य नियुक्त करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा सरकार से क्लब के कामकाज की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय विशेष समिति का भी गठन करने को कहा था।

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एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया दिल्ली जिमखाना क्लब का कामकाज जिस तरह चल रहा है वह जनहित के खिलाफ है।

एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को मंत्रालय की याचिका पर वीडियो कांफ्रेंस के जरिये दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। पीठ की अध्यक्षता एनसीएलएटी के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी एन भट्ट ने की।

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एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को बताया कि एनसीएलएटी ने मामले को 13 अगस्त को अगली सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

एनसीएलटी ने 26 जून के अपने फैसले में सरकार को की क्लबसदस्यता समेत क्लब के अन्य सभी मुद्दों की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय विशेष समिति का भी गठन करने को कहा था।

मंत्रालय के अनुसार, एनसीएलटी ने मामले में पर्याप्त बचाव व प्रभावी निदान का उपाय नहीं किया।

एनसीएलटी ने यह आदेश सरकार द्वारा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के जरिये दायर अपील पर दिया था। इसमें क्लब की आम समिति और अन्य पर धोखाधड़ी और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कंपनी कानून, 2003 की धारा 241 और 242 के तहत प्रबंधन नियंत्रण उसे सौंपने की अपील की गयी थी।

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