सिंगापुर में भारतीय को मानसिक मजबूती ने कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में मदद की
पुंग्गल में एस 11 डोरमेट्री में अपने पृथक वास के दौरान 35 वर्षीय यह श्रमिक खूब चीखता था। पुंग्गल सिंगापुर में इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में एक है।
सिंगापुर, 18 अप्रैल सिंगापुर में इस माह के प्रारंभ में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये भारतीय नागरिक सुब्रमण्यम पुगलंडी ने डर, अपने परिवार की सोच और उदासी का डटकर मुकाबला किया और आखिरकार वह इस स्थिति में पहुंच गये हैं जहां उनके पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाने की संभावना नजर आ रही है।
पुंग्गल में एस 11 डोरमेट्री में अपने पृथक वास के दौरान 35 वर्षीय यह श्रमिक खूब चीखता था। पुंग्गल सिंगापुर में इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में एक है।
जब नेशनल सेंटर फोर इंफेक्शियस डिजीज में उसकी जांच की जा रही थी तब उसके दिमाग में भारत में रह रही अपनी पत्नी और चार साल के बेटे का ख्याल आ रहा था।
चैनल न्यूज एशिया ने शनिवार को खबर दी कि पुगलंडी ने महसूस किया कि अब उसके भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
अब वह सिंगापुर एक्सपो में है जिसे कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बनाया गया है। उसे खांसी है और उसके शरीर में पोटैशियम की मात्रा थोड़ी कम है। लेकिन उसका ज्वर, नाक बहना और बदनदर्द खत्म हो गया है।
उसने कहा कि सिंगापुर एक्सपो ने उसे इस स्थिति से उबरने में मदद की खासकर उसका हवादार हॉल जहां वह आराम से टहल सकता है।
खबर के अनुसार उसने कहा, ‘‘ यह लक्जरी होटल सा दिखता है। हर चीज ठीक है। यह अस्पताल से अच्छा है और पृथकवास कक्ष से बेहतर है।’’
सिंगापुर में शनिवार को कोविड-19 के 942 नये मामले सामने आये जिनमें से 928विदेशी श्रमिक हैं।
विदेशी श्रमिकों पर एक आर्टिकल को पढ़ने के बाद सीएनए के दर्शकों ने अपने शुभकामना संदेश भेजे।
पुगलंडी ने उसका समर्थन करने वाले लोगों का शुक्रिया अदा किया। चैनल से बातचीत के दौरान उसने कहा कि मैं उन सभी भाई और बहनों को शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थना की। जल्द ही मैं स्वस्थ हो जाउंगा।
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