Maratha Reservation: एडीजीपी ने बीड का दौरा किया; अब तक 99 गिरफ्तार
महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून-व्यवस्था) संजय सक्सेना ने बीड जिले का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, जहां मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
मुंबई, 1 नवंबर : महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून-व्यवस्था) संजय सक्सेना ने बीड जिले का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, जहां मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीड में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सक्सेना मंगलवार को बीड पहुंचे और वह स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.अधिकारी ने बताया कि वह हालात के बारे में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे.
उन्होंने बताया कि बीड पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 30 से अधिक मामले दर्ज किये हैं और 99 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. बीड जिले में सोमवार को हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं. बीड के माजलगाव शहर में सोमवार सुबह आरक्षण आंदोलनकारियों के एक समूह द्वारा अजित पवार गुट के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक प्रकाश सोलंके के आवास पर आगजनी और पथराव किया गया था. विधायक का एक ऑडियो ‘क्लिप’ सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद यह घटना हुई. ‘क्लिप’ में राकांपा विधायक ने कथित तौर पर मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में बोला था और आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पर परोक्ष तौर पर टिप्पणी की थी. बाद में माजलगाव नगरपालिका परिषद भवन की पहली मंजिल पर आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई. यह भी पढ़ें : Bihar Shocker: होटल मैनेजमेंट छात्र की गोली मारकर हत्या, गर्लफ्रेंड को उठाकर ले गए बदमाश
मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं के एक अन्य समूह ने सोमवार शाम बीड शहर में राकांपा विधायक संदीप क्षीरसागर के आवासीय परिसर और कार्यालय में घुसकर आग लगा दी थी. एक अन्य घटना में, प्रदर्शनकारियों ने बीड शहर में राज्य के पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के आवास को आग लगा दी और पथराव किया. मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों की भीड़ अजित पावर गुट के नेता अमरसिंह पंडित के आवास के बाहर भी जमा हो गई थी और पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे.