धमकियों के चलते कई जर्मन मेयर छोड़ना चाहते हैं पद
जर्मनी में लगभग 11,000 मेयर स्थानीय राजनीति में अहम किरदार निभाते हैं.
जर्मनी में लगभग 11,000 मेयर स्थानीय राजनीति में अहम किरदार निभाते हैं. उनमें से ज्यादातर स्वैच्छिक आधार पर काम करते हैं. लेकिन धमकियों के चलते अब कई मेयर अपने-अपने पद छोड़ना चाहते हैं.जमीनी तौर पर ये लोग जर्मन राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं - लेकिन जर्मनी में स्थानीय नेताओं को लगता है कि वो खतरे में हैं.
हाल ही में जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रांक वॉल्टर श्टाइनमायर ने एक बयान में कहा "अगर मेयर और स्थानीय नेता किसी विवादित मुद्दे के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, या फिर अगर वो अपना सोशल मीडिया अकाउंट हटा रहे हैं, या फिर अपना पद छोड़ रहे हैं वो भी खुद को या अपने परिवार को कसी भी तरीके के विरोधभाव से बचाने के लिए, तो डेमोक्रेट्स को ये बात अनसुनी नहीं करनी चाहिए, बल्कि उस पर ध्यान देना चाहिए."
श्टाइनमायर ने ये टिप्पणी 11 अप्रैल को की, जब उन्होंने और कोर्बर फाउंडेशन ने स्थानीय राजनेताओं की चिंताओं और जरूरतों पर चर्चा करने के लिए 80 से ज्यादा मेयरों को बर्लिन में आमंत्रित किया. ये मेयर जर्मनी में अक्सर बिना भुगतान के काम करते हैं.
यह कार्यक्रम "डेमोक्रेसी बिगिंस लोकली” नाम से आयोजित हुआ था. कार्यक्रम से पहले, कोर्बर फाउंडेशन ने अनुसंधान संस्थान फोर्सा से एक सर्वे कराया, जिसमें पाया गया कि छोटे शहरों में 40 प्रतिशत मेयरों ने कहा कि उनके काम के कारण उनका या उनके करीबी लोगों का अपमान किया गया, धमकी दी गई या फिर उन पर शारीरिक हमला किया गया. 2021 में किए गए पहले फोर्सा सर्वेक्षण में, पूर्णकालिक निर्वाचित अधिकारियों का आंकड़ा 57 प्रतिशत तक था.
नतीजतन, चार में से एक से अधिक मेयर ने राजनीति से वापसी करने के बारे में सोचा है. इतना ही नहीं, सर्वे में हिस्सा लेने वाले लगभग दो-तिहाई लोगों ने बताया कि उनकी नगर पालिका में नागरिकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है. लगभग 35 प्रतिशत लोग दक्षिणपंथी उग्रवाद को आने वाले वर्षों में अपने समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखते हैं.
पांच में से केवल एक ने अपने क्षेत्र में अलोकतांत्रिक प्रवृत्तियों में बढ़त की सूचना दी. पूर्वी जर्मनी में यह आंकड़ा चार में से एक हो गया है, जहां इस सितंबर तीन राज्यों में चुनाव होने हैं.
स्थानीय अधिकारियों पर बढ़ते हमले
माइकल मुलर ने थुरिंजिया में अपने गांव वाल्टर्सहाउजेन में बढ़ते जोखिम को महसूस किया है. दरअसल फरवरी में उनके घर के बाहर एक आग भड़काने वाला उपकरण मिला था.
सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के सदस्य मुलर को अभी भी इस पर विश्वास नहीं हो रहा है. घटना की रात, घर के सामने उनकी कार में आग लगा दी गई और आग उनके पारिवारिक घर के सामने फैल गई, जहां वह अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं. उनमें से सभी बच गए, लेकिन अब इस मामले की हत्या के प्रयास के मामले के तहत जांच की जा रही है.
मुलर यह नहीं मानते कि यह महज संयोग है कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने दक्षिणपंथी चरमपंथियों के खिलाफ प्रदर्शन की बात कही थी.
वह ऐसी धमकियों को बड़ी चिंता के साथ देखते हैं, क्योंकि उन्होंने कहा, "बहुत से लोग सोचते हैं: क्या ऐसे समाज के लिए मैं अपना समय निकालूं जो बदले में मुझे धमकाता है?" उन्हें डर है, "ऐसे लोगों में कमी आ सकती है जो अपने खाली समय नगर पार्षदों, स्थानीय पार्षदों या महापौरों के रूप में काम करेंगे.”
कंपीटेंस नेटवर्क अगेंस्ट हेट ऑन द नेट पर किया गया एक अध्ययन यही कहता है कि: जितनी नफरत बढ़ती जाती है, उतने ही अधिक लोग ऑनलाइन चर्चा में कम हिस्सा लेने लगते हैं.
ऐसी घटनाएं चिंताजनक हैं. कोलोन की मेयर हेनरीट रेकर 2015 में बाल-बाल बच गईं थीं, जब चुनाव से एक दिन पहले एक कट्टर दक्षिणपंथी चरमपंथी ने उनकी गर्दन पर चाकू मार दिया था.
अल्टेना शहर के मेयर एंड्रियास होल्स्टीन को भी 2017 में शरणार्थियों से नफरत करने वाले इंसान ने गर्दन पर चाकू मार दिया था.
2019 में एक ऐसे ही हादसे ने जर्मनी के लोगों को झकझोर कर रख दिया था जब एक दक्षिणपंथी चरमपंथी ने मध्य जर्मनी के कैसल शहर में स्थानीय जिला अध्यक्ष वाल्टर लुबके की हत्या कर दी थी. तब जनता को पता चला कि कुछ स्थानीय राजनेताओं को क्या क्या सहना पड़ा: बगीचे में फांसी के फंदे लगा देना, लेटरबॉक्स में एक जानवर का शव छोड़ देना, एक नफरत भरा मेल जिसमें एक बच्चे के घर और स्कूल का पता डला हुआ था.
निर्वाचित नेता इसका डट कर सामना कर रहे हैं
ब्रैंडेनबर्ग के जोसेन शहर की मेयर विबके सहीन-श्वार्जवेलर, फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (एफडीपी) के सदस्य हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि 2019 के चुनाव अभियान के दौरान उन्हें खुलेआम धमकी दी गई थी. उन्होंने कहा, "मेरे पति, जो तुर्की मूल के हैं, उन्हें भी निशाना बनाया गया.”
बड़े राजनेताओं की तरह, स्थानीय राजनेताओं के पास बख्तरबंद लिमोजिन या निजी सुरक्षा नहीं होती है. लेकिन साहिन-श्वार्जवेलर फिर भी हार नहीं मान रही हैं: वह 2018 से इस मुद्दे पर श्टाइनमायर के साथ लगातार संपर्क में हैं, और जागरूकता बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं.
परिणामस्वरूप स्टार्क आईएम एएमटी पोर्टल का आगाज हुआ, जो स्थानीय राजनेताओं को सहायता प्रदान करता है. सरकारी वकीलों, पुलिस स्टेशनों और अधिकारियों को अब इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है.
मार्च 2022 में, केंद्र सरकार ने दक्षिणपंथी उग्रवाद के खिलाफ एक योजना बनाई और उसमें से 10 उपाय पेश किए, जिसमें निर्वाचित अधिकारियों की सुरक्षा और स्थानीय राजनेताओं के लिए एक संपर्क बिंदु शामिल था जो उन्हें राज्य में सभी नेताओं से जोड़ता , इसे इस गर्मी में लॉन्च किया जाएगा.
फोरम फॉर क्राइम प्रिवेंशन के मार्कस कोबर इसके लागू होने के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "इसके खिलाफ खड़े होना अकेले ही निपटने की यह भावना ही एक बहुत महत्वपूर्ण पहला कदम है." उन्होंने आगे बताया कि दूसरा कदम यह स्पष्ट करना है कि क्या यह एक अपराध है, अगर है तो कौन सा प्राधिकरण जिम्मेदार है और इस पर आगे क्या कार्रवाई होगी.
कोबर की मानें तो नगर निगम प्रतिनिधियों को तत्काल सुरक्षा की जरूरत है. आखिरकार, वे राज्य या केंद्रीय स्तर पर सभी निर्णयों के जिम्मेदार होते हैं. कुबेर के लिए वे लोकतांत्रिक व्यवस्था के मुख्य इंजन हैं. दूसरे शब्दों में, यदि यह ढांचा लड़खड़ाता है, तो लोकतंत्र खतरे में आ सकता है.