इंफाल/कोच्चि, 16 जून जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की राजधानी इंफाल में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह के आवास में भीड़ ने तोड़फोड़ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों और दमकल कर्मियों ने भीड़ की आग लगाने की कोशिश बृहस्पतिवार रात नाकाम कर दी और मंत्री के आवास को जलने से बचा लिया।
इससे पहले, इंफाल के बीचों-बीच बृहस्पतिवार दोपहर को मणिपुर द्रुत कार्य बल और भीड़ के बीच झड़पें हुई और भीड़ ने दो घरों को आग लगा दी।
अधिकारियों ने बताया कि शहर में आम लोगों की भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच बृहस्पतिवार देर रात झड़प हुईं।
मंत्री सिंह ने उनके आवास में तोड़-फोड़ की घटना के बाद ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘मैं तीन मई (जब राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हुआ था) से शांति स्थापित करने और हिंसा रोकने की कोशिश कर रहा हूं।... यह दो समुदायों के बीच गलतफहमी का मामला है। सरकार ने एक शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है।’’
सिंह ने कहा कि सरकार सभी समुदायों से बात करके कोई रास्ता तलाशेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर में कल रात मेरे आवास पर एक घटना हुई।’’
पार्टी के एक समारोह के लिए कोच्चि गये केंद्रीय मंत्री ने केरल में अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और घर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने इसे (आवास को) बहुत मेहनत से कमाए धन से बनाया है। मैं भ्रष्ट नहीं हूं। इस सरकार में कोई भ्रष्ट नहीं है। यदि यह धर्म का मामला है, तो मैं एक हिंदू हूं। हमलावर हिंदू हैं, तो यह धर्म का भी मामला नहीं है। यह बस एक भीड़ है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार सभी समुदायों से बात करेगी और रास्ता निकालेगी।
इंफाल पूर्व में शुक्रवार तड़के गोलीबारी की आवाज सुनी गई। सुरक्षा बलों ने बुधवार को नौ आम नागरिकों की मौत का विरोध कर रहे नाराज स्थानीय लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े और नकली बम का इस्तेमाल किया।
अधिकारियों ने बताया कि झड़पों के दौरान दो प्रदर्शनकारी और द्रुत कार्य बल (आरएएफ) का एक कर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि आरएएफ कांस्टेबल के सिर पर पत्थर लगा है।
उन्होंने बताया कि नोंगमेइबुंग और वांगखेई में प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और निर्माण सामग्री एकत्र कर मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गई।
मणिपुर के खामेनलोक इलाके में नौ लोगों की हुई हत्या की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों का तलाश अभियान जारी है।
सिंह ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य की एकता एवं अखंडता की रक्षा करेगी और राज्य के लोगों के हित के खिलाफ कोई भी चीज नहीं करेगी।
उन्होंने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘अर्द्धसैनिक बलों और मणिपुर के पुलिसकर्मियों के एक संयुक्त दल ने दोषियों को पकड़ने के लिए कुरांगपट और येंगांगपोकपी सहित अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है तथा इस जघन्य अपराध में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।’’
कुकी गांव के बाहर एक मुठभेड़ में नौ लोगों की मौत ने संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है और राज्य की राजधानी इंफाल सहित अन्य स्थानों पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। इंफाल में बृहस्पतिवार को झड़पें हुईं और मकानों को आग के हवाले कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तलाशी अभियान पर्वतीय इलाकों के 41 गांव और इससे लगे घाटी क्षेत्र में 39 गांव में चलाया गया है।
बुधवार तड़के राज्य के खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध बदमाशों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गये।
मुख्यमंत्री ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की सरकार की कोशिशों में लोगों से विश्वास रखने की अपील की।
मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं।
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