देश की खबरें | ममता सरकार की नीतियां ‘हिंदू विरोधी’ मानसिकता, तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित: नड्डा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार की नीतियां ‘‘हिन्दू विरोधी’’ मानसिकता और ‘‘तुष्टीकरण’’ की राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार लोगों को केन्द्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित कर रही है।
नयी दिल्ली, 10 सितम्बर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार की नीतियां ‘‘हिन्दू विरोधी’’ मानसिकता और ‘‘तुष्टीकरण’’ की राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार लोगों को केन्द्र की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित कर रही है।
पश्चिम बंगाल भाजपा कार्यकारिणी की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली से संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि पांच अगस्त को जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया और 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया।
नड्डा ने कहा, ‘‘करोड़ों-करोड़ों भारतवासियों की इच्छा थी कि भव्य राम मंदिर बने। पांच अगस्त को उसका शिलान्यास प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा हुआ। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि पांच तारीख को पश्चिम बंगाल में ममता दीदी ने लॉकडाउन लगा दिया। करोड़ों लोगों की जो इच्छाएं थीं, उसको कुचलने का काम किया। उसको रोकने का काम किया।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘ये अलग बात है कि 31 जुलाई को बकरीद में लॉकडाउन उठा लिया गया। ये वोटवैंक की राजनीति...ये तुष्टिकरण की राजनीति... और हिंदू विरोधी मानसिकता खड़ी की जाती है। ये है ममता दीदी की राजनीति। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित हैं।’’
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नड्डा ने कहा कि यह उनकी समझ से परे है कि प्रदेश सरकार को 31 जुलाई को लॉकडाउन खोलने की जरूरत कैसे पड़ गई और पांच अगस्त को लॉकडाउन क्यों जबरन लगा दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्यों से निवेदन करता हूं कि आप राज्य की जनता के सामने तृणमूल सरकार की सच्चाई उजागर कीजिये कि ममता दीदी का प्रदेश की जनता से कोई लगाव नहीं है और वे केवल कुर्सी की खातिर तुष्टिकरण वोट बैंक की राजनीति करती हैं।’’
भाजपा अध्यक्ष ने इस अवसर पर ममता सरकार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू न करने और कुछ का नाम कथित तौर पर बदलकर उन्हें राज्य में लागू करने को लेकर भी आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की जनता को मुख्यधारा में शामिल होने में ममता दीदी रोड़े अटकाती हैं। लोगों को अच्छी सुविधाए मिलनी हैं, उसमें रोड़ा बनती हैं। आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। लेकिन ममता दीदी बंगाल में 4.57 करोड़ गरीबों को इस स्वास्थ्य योजना से तीन साल से वंचित रखे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाना चाहिए कि कैसे गरीबों के हक को रोकने का काम राज्य की ममता सरकार कर रही है।
नड्डा ने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना , स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री क्रेडिट कार्ड जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं को वहां की सरकार लागू नहीं होने दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि जब कोरोना महामारी के दौरान बंगाल में राशन बांटा जा रहा था, तब उस समय पश्चिम बंगाल में तृणमूल के कार्यकर्ता राशन की चोरी में लगे थे। गरीब के पेट में दो वक्त की रोटी देने की बजाय उनके पेट से निवाला छीन रहे थे। ऐसी लोक विरोधी, जन विरोधी सरकार को उखाड फेंकना चाहिए और जब भी चुनाव आएगा हम लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा करेंगे।’’
नड्डा ने कोरोना संकट के दौरान पश्चिम बंगाल पर असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के बारे में आंकड़े देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना योद्धाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 50-50 लाख रुपये देंगे। यह भी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू किया ममताजी ने। ये है इनकी जन विरोधी नीति, ये है इनकी मानव विरोधी नीति, ये है इनकी मानवता विरोधी नीति।’’
नड्डा ने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कोरोना काल में श्रमिकों को पश्चिम बंगाल में आने से भी रोकने का ‘‘पाप’’ किया।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई तो ममता सरकार ने उसे कोरोना कैरियर्स और कोरोना एक्सप्रेस कहा।’’
पश्चिम बंगाल में होने वाली राजनीतिक हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए नड्डा ने पूछा कि यह जंगलराज नहीं तो क्या है?
उन्होंने कहा, ‘‘100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मारा गया है। दुख होता है, यह जो अपने आप को लोकतंत्र के चैंपियन कहते हैं, ऐसे मौकों पर उनकी आवाज नहीं निकलती है। हमें इसी मानसिकता को हटाना है।’’
नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ने की ताकत रखते हैं और देश भर के भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बार विधानसभा में सफलता हासिल करनी है। आप पूरी ताकत लगाइए। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। 2011 में हमारा वोट प्रतिशत 2 फीसदी था। 2014 में यह बढ़कर 18 फीसदी हुआ और 2019 में यह 40 फीसदी पहुंच गया। हमें इसे 50 फीसदी में बदलना है। इसका संकल्प लें।’’
उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में इस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है। ‘‘ममता दीदी यह जान चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में उनके पांवों के नीचे से जमीन खिसक चुकी है और राज्य की जनता प्रदेश में कमल खिलाने का मन बना चुकी है।’’
पश्चिम बंगाल सरकार पर राज्य में भ्रष्ट शासन चलाने के लिये हमला करते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित भू माफिया ने शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में यहां तक कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को भी कलंकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज विश्वभारती में जो कुछ भी हो रहा है, इसे देख कर स्वर्ग में गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की आत्मा भी रोती होगी कि उनके सपने के विश्वभारती का तृणमूल सरकार ने क्या हाल कर के रख दिया है। टीएमसी के कार्यकर्ता भू-माफियाओं के साथ मिलकर विश्वभारती की आत्मा पर हमला कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की जनता तृणमूल को कभी भी माफ़ नहीं करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार के कट मनी, टीएमसी मनी और नारदा, शारदा जैसे घोटालों से यह सिद्ध हो चुका है कि तृणमूल सरकार राजनीति का अपराधीकरण कर रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे साल के कार्यकाल में देश में नए कीर्तिमान स्थापित किए। इसी दौरान राम मंदिर मामले पर फैसला आया, अनुच्छेद 370 समाप्त हुआ और तीन तलाक भी खत्म हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कोरोना संकट का भी मजबूती से सामना किया। मोदी ने देश ही नहीं दुनिया को भी कोरोना से लड़ने का रास्ता दिखाया।’’
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