देश की खबरें | मैत्री बस सेवा ने कम की दिल्ली-काठमांडू के बीच की दूरी, एक वर्ष में 17,603 यात्रियों ने की यात्रा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की दिल्ली-काठमांडू अंतरराष्ट्रीय बस सेवा के माध्यम से अगस्त 2023 से अगस्त 2024 के बीच कुल 17,603 यात्रियों ने यात्रा की। आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी मिली है।
नयी दिल्ली, 22 नवंबर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की दिल्ली-काठमांडू अंतरराष्ट्रीय बस सेवा के माध्यम से अगस्त 2023 से अगस्त 2024 के बीच कुल 17,603 यात्रियों ने यात्रा की। आरटीआई आवेदन के जवाब में यह जानकारी मिली है।
दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा के नाम से जानी जाने वाली यह सेवा भारत और नेपाल के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है और यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय हुई है।
‘पीटीआई’ के संवाददाता ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन दायर किया था, जिसके जवाब में मिली मिली जानकारी के अनुसार कुल यात्रियों में 4,782 भारतीय, 12,471 नेपाली और 350 दूसरे देशों के नागरिक थे।
हर महीने औसतन 1,000 से अधिक लोग इस बस सेवा का उपयोग करते हैं, जो इसके महत्व को दर्शाता है। नवंबर 2023 में सबसे अधिक 1,611 जबकि अगस्त 2023 में सबसे कम 1,078 यात्रियों ने यात्रा की।
बस सेवा के तहत 1,167 किलोमीटर की दूरी तय की जाती है, जिसका किराया 2,300 रुपये है। सेवा के तहत सप्ताह में छह दिन बसें चलती है। डीटीसी बसें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार जबकि नेपाल की मंजुश्री यातायात बसें मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को चलती हैं। डीटीसी इस मार्ग पर वॉल्वो बसों का और मंजुश्री यातायात मार्को पोलो की बसों का उपयोग करती है।
डीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, यात्रा के दौरान सीमा शुल्क जांच के लिए फिरोजाबाद, फैजाबाद, मुगलिंग और सोनौली (भारत-नेपाल सीमा) में निर्धारित स्थान हैं। यात्रियों को मार्ग में अन्य स्थानों पर उतरने या चढ़ने की अनुमति नहीं है।
वेबसाइट पर कहा गया है कि भारतीय और नेपाली नागरिकों को सरकार की ओर से जारी वैध फोटो पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट या मतदाता पहचान पत्र लाना आवश्यक है जबकि विदेशी नागरिकों को वैध पासपोर्ट और वीजा पेश करना होता है।
सेवा 25 नवंबर 2014 को दिल्ली गेट के पास डॉ. आंबेडकर स्टेडियम बस टर्मिनल से शुरू हुई थी। इस सेवा के तहत चलने वाली बसें वातानुकूलित होती हैं और दोनों ओर दो-दो सीट होती हैं। हालांकि, मार्ग पर केवल डीजल बसें ही चलती हैं, क्योंकि अभी तक न तो सीएनजी और न ही इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)