देश की खबरें | महाराष्ट्र: हिंसक विरोध प्रदर्शन से सुलगा परभणी शांत, अब तक 50 लोग हिरासत में लिए गए
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छत्रपति संभाजीनगर, 12 दिसंबर संविधान की प्रतिकृति नष्ट किए जाने को लेकर हिंसक विरोध-प्रदर्शन से सुलगे परभणी में बृहस्पतिवार को स्थिति नियंत्रण में रही। पुलिस ने करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
परभणी के जिलाधिकारी रघुनाथ गावड़े ने 'पीटीआई-वीडियो' को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है।
जिलाधिकारी ने कहा, "हमने शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। तोड़फोड़ के लिए करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि पवार नामक एक व्यक्ति को संविधान की प्रतिकृति को कथित रूप से क्षतिग्रस्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसे मानसिक समस्याएं हैं। हमें उसकी मानसिक स्थिति की पुष्टि करने वाले मेडिकल दस्तावेज मिले हैं।"
पुलिस के अनुसार बुधवार को प्रदर्शन के दौरान करीब 20 वाहन क्षतिग्रस्त किये गये।
जिलाधिकारी ने कहा कि निजी संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए छह टीम गठित की गई हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा के पीछे कोई राजनीतिक मकसद तो नहीं था।
परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर डॉ. बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने स्थापित संविधान की प्रतिकृति मंगलवार को क्षतिग्रस्त पाई गई, जिसके बाद बुधवार को बंद आहूत किया गया था। बंद में शामिल भीड़ द्वारा दुकानों, वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी किये जाने से प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया।
पुलिस महानिरीक्षक (नांदेड़) शाहजी उमाप ने कहा, "हम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देख रहे हैं और तोड़फोड़ के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आंदोलनकारियों की मंशा की भी जांच की जाएगी।"
उमाप ने कहा, "हमें जानकारी मिली है कि 16-17 मोटरसाइकिल और दो चारपहिया वाहन, सीसीटीवी कैमरे और दुकानों के साइनबोर्ड क्षतिग्रस्त हुए हैं। अपराध दर्ज होने के बाद आंकड़े स्पष्ट हो जाएंगे।"
पांच लोगों से अधिक के एक साथ एकत्र होने पर रोक को लेकर शहर में निषेधाज्ञा लागू रहेगी।
उमाप ने कहा कि शहर में गश्त बढ़ा दी गई है।
एक दुकानदार ने पीटीआई-वीडियो को बताया कि उसने और अन्य लोगों ने बंद का समर्थन किया था, फिर भी बुधवार को उनकी दुकानों पर हमले हुए।
उन्होंने कहा, "हम संविधान और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का सम्मान करते हैं। संविधान तोड़फोड़ करने की बात नहीं करता। हमने बंद का समर्थन किया था और अपनी दुकानें भी बंद रखी थीं, फिर भी हमारे बिजली के मीटर तोड़ दिए गए, कांच के सामने वाले हिस्से पर पत्थर फेंके गए, सीसीटीवी तोड़ दिए गए।"
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