मुंबई, चार अक्टूबर महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को एक सप्ताह के भीतर हुई अपने मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में राज्य के जैन समुदाय के लिए आर्थिक कल्याण निगम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल बारी, तेली, हिंदू खटीक, लोनारी जैसे समुदायों के लिए वित्तीय विकास निगम स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया, जबकि बौद्ध समुदाय से संबंधित सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों को 10 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गावठाणों के बाहर आवासीय भवनों, व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के भवनों आदि पर गैर-कृषि कर माफ करने का निर्णय लिया गया।
गावठाण का अर्थ है, गांव के मध्य का क्षेत्र। इस क्षेत्र में गांव के लोगों के घर, दुकानें, मंदिर, स्कूल आदि हैं।
कैबिनेट ने प्राचीन और ऐतिहासिक स्थानों को तबाह करने वालों को दी जाने वाली कैद की सजा और जुर्माने की राशि बढ़ाने के पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
प्रस्ताव के अनुसार, जेल की अवधि दो साल तक बढ़ाई जा सकती है और जुर्माना 1 लाख रुपये होगा। वर्तमान में, जेल की अवधि तीन महीने तक है, जबकि जुर्माना राशि 5,000 रुपये है। जुर्माना राशि में 1960 के बाद से संशोधन नहीं किया गया था।
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