ताजा खबरें | लोस: सिंधिया के खिलाफ कल्याण बनर्जी की टिप्पणी पर हंगामे के बीच बैठक कल तक स्थगित
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. लोकसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर की गई टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार कुछ देर के स्थगन के बाद तीसरी बार दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर लोकसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर की गई टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार कुछ देर के स्थगन के बाद तीसरी बार दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
बनर्जी ने सदन में ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल की सरकार को मदद नहीं करने का आरोप लगाया और जब केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सिंधिया ने उनकी बात का विरोध किया तो दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
बनर्जी ने सिंधिया के खिलाफ कोई टिप्पणी की और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस सदस्य के कुछ शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया।
तृणमूल कांग्रेस और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तकरार के कारण पहले सदन की कार्यवाही चार बजकर 10 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही पुन: शुरू हुई तो बनर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए सिंधिया से माफी मांगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने खिलाफ निजी हमले और भारत की महिलाओं के खिलाफ बयान पर विपक्षी सांसद की माफी स्वीकार नहीं कर रहे।
सिंधिया ने कहा, ‘‘हम इस सदन में शुद्ध हृदय से देश के विकास की भावना के साथ आते हैं। हम यहां आत्म-सम्मान की भावना से भी आते हैं और यदि कोई भी आत्म-सम्मान पर निजी हमले करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
सिंधिया ने कहा, ‘‘आप हमारी नीतियों, हमारे विचारों पर हमला कीजिए। लेकिन निजी हमला करने पर जवाब के लिए तैयार रहिए।’’
मंत्री ने कहा कि बनर्जी ने माफी मांगी है, लेकिन ‘‘उन्होंने मेरे खिलाफ निजी टिप्पणी की और भारत की महिलाओं के खिलाफ जो शब्द बोले, उसके कारण मुझे उनकी माफी स्वीकार नहीं।’’
पीठासीन सभापति ए. राजा ने कहा कि अध्यक्ष बिरला ने यह मामला दोनों पक्षों के बीच सुलझाने को कहा है।
भाजपा के सदस्यों ने इस दौरान हंगामा किया और पीठासीन सभापति ए राजा ने कार्यवाही करीब 4.43 बजे शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी।
पांच बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजा ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेने के लिए समाजवादी पार्टी के सदस्य राम शिरोमणि वर्मा का नाम पुकारा।
इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्य बनर्जी की टिप्पणी को लेकर विरोध जताते रहे और राजा ने कार्यवाही एक मिनट के अंदर ही बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले विधेयक पर चर्चा के क्रम में तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी ने पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान सहकारी संघवाद को तहस-नहस करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने ‘‘पश्चिम बंगाल की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया’’।
विधेयक पेश करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि ‘‘बनर्जी संभवत: कोरोना के समय सो रहे थे।’’
राय ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया जानती है कि कोरोना के वक्त मोदी सरकार ने कैसी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के वक्त पश्चिम बंगाल सरकार ने आपदा के समय टीकों वाले वाहनों को ‘‘ट्रैफिक क्लियरेंस’’ तक नहीं दिया था।
राय ने यह भी कहा कि लोगों पर दबाव डाला जाता था कि वे टीका न लें। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने जनता को मरने के लिए छोड़ दिया था।’’
इस बीच पीठासीन अधिकारी राजा ने सदन में उपस्थित केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सिंधिया का नाम पुकारा। सिंधिया ने कहा कि सदन के अंदर इस तरह का झूठ नहीं बोला जाना चाहिए, क्योंकि देश ही नहीं दुनिया जानती है कि भारत ने करोड़ों टीके दूसरे देशों को बांटे।
इस पर बनर्जी ने सिंधिया को लेकर कुछ टिप्पणियां कीं और उनके राजपरिवार से आने का भी उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
इससे पहले शून्यकाल में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर मणिपुर के हालात को छिपाने के लिए अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस को ढाल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर सोरोस के साथ मिलीभगत करके देश को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए उसे देश की आंतरिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया।
इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप और शोर-शराबे के कारण निचले सदन की कार्यवाही डेढ़ घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन में आज प्रश्नकाल सामान्य ढंग से चला और शून्यकाल में भी कई सदस्यों ने लोक महत्व के मुद्दे उठाए।
सदन ने बुधवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के जवाब के बाद रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से पारित किया।
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