लॉकडाउन: सिटी गैस परिचालकों ने कर राहत, ऋण पुनर्गठन की मांग की

देश में सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) के खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नेचुरल गैस सोसाइटी (एनजीएस) ने तेल सचिव तरुण कपूर को पत्र लिखकर सिटी गैस वितरण (सीजीडी) व्यवसाय और देश के ऊर्जा बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर सरकारी समर्थन की मांग की।

जियो

नयी दिल्ली, 25 मई अडानी गैस, गेल और टोरेंट गैस जैसी सिटी-गैस वितरक कंपनियों ने लॉकडाउन के कारण मांग व कारोबार पर हुए असर को लेकर कर राहत तथा ऋण के पुनर्गठन की मांग की है।

देश में सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) के खुदरा विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नेचुरल गैस सोसाइटी (एनजीएस) ने तेल सचिव तरुण कपूर को पत्र लिखकर सिटी गैस वितरण (सीजीडी) व्यवसाय और देश के ऊर्जा बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर सरकारी समर्थन की मांग की।

उसने कहा, "सीजीडी क्षेत्र लॉकडाउन के दौरान सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है। इस दौरान खपत 80 प्रतिशत से अधिक गिर गयी है। लॉकडाउन को और बढ़ाये जाने से इस क्षेत्र के लिये सिर्फ अतिरिक्त मुश्किलें ही उत्पन्न होने वाली हैं।’’

संगठन ने कहा कि घरों की रसोइयों को छोड़ दें तो सीजीडी की आपूर्ति हर अन्य श्रेणी में कम हुई है। उसने कहा, ‘‘गिरती मांग के साथ, अधिकांश सीजीडी कंपनियों का राजस्व और लाभ प्रभावित हो रहा है। इससे उनके सामने नकदी की भी दिक्कतें आ रही हैं। इससे उनके लिये आवश्यक निवेश व पूंजीगत खर्च के मोर्चे पर भी दिक्कतें आ सकती हैं।’’

संगठन ने उत्पाद शुल्क (14 प्रतिशत) से सीजीडी क्षेत्र को छूट देने और कम से कम सितंबर-दिसंबर 2020 तक वैधानिक कर अनुपालन को स्थगित करने की मांग की।

उसने कहा, "बैंकों को ऋणों का पुनर्गठन करने और कम से कम अतिरिक्त छह महीने के लिये कर्ज की किस्तों के भुगतान से छूट देने के लिये कहा जा सकता है, ताकि इस क्षेत्र को जल्दी से उबरने में मदद मिल सके।’’

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