देश की खबरें | शुद्ध उधारी पर सीमा: केरल की याचिका पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की पीठ होगी गठित
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नयी दिल्ली, 30 अगस्त केरल सरकार ने शुद्ध ऋण पर सीमा के मुद्दे से जुड़े केंद्र के खिलाफ उसके मुकदमे की सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के जल्द गठन का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
राज्य सरकार ने सवाल उठाया है कि क्या किसी राज्य को केंद्र सरकार और अन्य स्रोतों से अपनी ऋण सीमा बढ़ाने का ‘‘प्रवर्तनीय अधिकार’’ है।
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि मामला एक अप्रैल को संविधान पीठ को सौंप दिया गया था और शीर्ष अदालत के अधिकारी पीठ गठित करने के लिए ईमेल नहीं भेज रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इसे देखेंगे।’’
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने शुद्ध ऋण की सीमा से जुड़े केरल सरकार के मामले को एक अप्रैल को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को संदर्भित किया था और इसे अब प्रधान न्यायाधीश के प्रशासनिक आदेश से गठित किया जा सकता है।
अंतरिम राहत के मुद्दे पर पीठ ने कहा था कि मामले में शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप से केरल को पर्याप्त राहत दी गई है।
पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 293 का उल्लेख किया था, जो राज्यों द्वारा ऋण लेने से संबंधित है। पीठ ने कहा था कि शीर्ष अदालत ने इस प्रावधान की अभी तक कोई आधिकारिक व्याख्या नहीं दी है।
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