खेल की खबरें | लैंगर का धारावी अनुभव: जब विलासिता का सामना गरीबी से हुआ

पर्थ, 28 मई लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने खुलासा किया है कि इस साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान वह अपनी टीम के फिजियोथेरेपिस्ट राजेश चन्द्रशेखर (आरसी) के मुंबई की धारावी झुग्गी में स्थित एक कमरे के घर को देख कर चौक गये जहां चीजें उनकी विलासिता से भरी जिंदगी से बिलकुल उलट थी।

लखनऊ की टीम आईपीएल के प्लेऑफ में पहुंचने में विफल रही।

लैंगर ने ‘द नाइटली’ वेबसाइट पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘‘ अत्यधिक विलासिता पूर्ण जीवन जीने के बाद मैं यह देख कर काफी खुशकिस्मत महसूस कर रहा था कि अन्य लोग अपने दैनिक जीवन को कैसे जीते है।’’

लैंगर ने बताया कि इन चीजों की शुरुआत उस समय हुई जब टीम के साथ रहते हुए आरसी ने उन से बाल कटवाने के बारे में पूछा था।

लैंगर ने कहा, ‘‘ पहले तो, मैंने इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा, लेकिन जैसे-जैसे दिन हफ्तों में बदलते गए, आरसी मुझसे पूछता रहता था कि क्या मैं अपने बाल कटवाना चाहूंगा।

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, मैंने उसकी पेशकश मान ली और कुछ ही मिनटों में वह क्लिपर, कैंची और पानी से भरी एक स्प्रे बोतल के साथ मेरे दरवाजे पर खड़ा था।’’

इसके बाद आरसी से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और इस दौरान उनकी कहानी ने मुझे काफी प्रभावित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ आरसी ने मुझे बताया कि वह मुंबई की मलिन बस्तियों से आया और वह खुशकिस्मत था कि एक स्थानीय फुटबॉल टीम के लिए उसे मालिशिये के रूप में काम करने का मौका मिला और वहीं से वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ता चला गया।’’

लैंगर ने बताया, ‘‘ मैंने उससे कौतूहल में पूछा कि ‘झुग्गी बस्तियों’ में रहना कैसा होता है।

 लैंगर ने कहा कि चन्द्रशेखर ने उन्हें बताया कि उनका घर उस होटल के बाथरूम के आकार का है जिसमें वे ठहरे थे और वह वहां अपनी मां, पिता भाई, बहन और जीजाजी के साथ रहते थे। चन्द्रशेखर के पिता एक सहायक के रूप में काम करते हैं और उनका भाई स्थानीय सैलून में हेयरड्रेसर है।"

लैंगर ने कहा, ‘‘जिस लक्जरी होटल में हम रह रहे थे उसका बाथरूम अच्छा था, लेकिन जब मैंने चारों ओर देखा, तो यह पर्थ में मेरे कपड़े की अलमारी के बराबर था। ऐसे में वह जो कह रहा था कि वह मेरे लिए यह समझ से परे था।’’

लैंगर ने कहा कि भारत अपने आखिरी दिन (24 मई) से एक दिन पहले उन्होंने चन्द्रशेखर से कहा कि वह उन्हें अपने परिवार से मिलवाने के लिए अपने घर ले जाएं।

इस पर आरसी ने आश्चर्यचकित होकर पूछा, ‘‘ क्या आप मेरे घर आना चाहते है।’’

लैंगर ने कहा, ‘‘ मेरा भाई आईपीएल के आखिरी दो मैच देखने के लिए भारत में था और वह भी मेरी तरह ही एक ऐसी दुनिया को देखने को लेकर उत्सुक था जो हमारी सोच और वास्तविकता से काफी दूर था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें बेहद तंग गलियों से होते हुए ले जाया गया, जैसे कंक्रीट के मकानों के बीच बहुत संकरे रास्तों की भूलभुलैया हो। हमने महसूस किया कि अगर हम खो गये तो यहां से निकलना काफी मुश्किल होगा।’’

लैंगर ने कहा, ‘‘ ये गलियां इतनी संकरी थी कि एक साथ में दो लोग ही गुजर सकते थे। गलियों में अंधेरा था क्योंकि हमारे ठीक ऊपर इमारतें और उलझी हुई बिजली की तारें थी।’’

उन्होंने बताया, ‘‘जब हम आरसी के घर के दरवाज़े पर पहुंचे, तो हमने अपने जूते उतारे और थोड़ी देर के लिए सोच में डूब गये।

लैंगर ने बताया कि घर की चौडाई और लंबाई चार गुणा पांच मीटर के आस-पास की होगी।

उन्होंने बताया, ‘‘ मेरी नजर सबसे पहले वह जमीन पर बिछी हुई गद्दे (बिस्तर) पर गयी, जो किसी अस्थायी मसाज टेबल की तरह दिख रहा था। घर के एक कोने में एक छोटा रसोईघर था, जिसमें एक स्टोव और छोटा फ्रिज था। रसोई की छोटी सी स्लैब के नीचे थैलियों में प्याज और लहसुन रखे हुए थे।’’

 उन्होंने कहा, ‘‘परिवार के छह सदस्यों के पास अपने कपड़ों के लिए एक-एक शेल्फ थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आरसी के घर को देख कर हमें लगा कि उनके पास कुछ भी नहीं है, लेकिन उनके पास वह सब कुछ था जो उन्हें वास्तव में खुश रहने के लिए चाहिए था।’’

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