COVID-19 का असर: उबर इंडिया ने 600 लोगों की छंटनी की

आनलाइन टैक्सी बुकिंग मंच उबर ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में अपने 600 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. यह देश में कंपनी के कुल कर्मचारियों की एक चौथाई संख्या है. कंपनी का कहना है कि कोविड- 19 महामारी की वजह से कारोबार को बड़ा झटका लगा है, इसलिये उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है.

उबर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली: आनलाइन टैक्सी बुकिंग मंच उबर ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में अपने 600 कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. यह देश में कंपनी के कुल कर्मचारियों की एक चौथाई संख्या है. कंपनी का कहना है कि कोविड- 19 महामारी की वजह से कारोबार को बड़ा झटका लगा है, इसलिये उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है. इससे कुछ दिन पहले उबर की प्रतिद्धंदी ओला ने भी अपने 1,400 कर्मचारियों को हटाने की घोषणा की थी. ओला ने टैक्सी सेवा के साथ ही, वित्तीय और खाद्य व्यवसाय में यह छंटनी की है. उबर ने ई-मेल से पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि जिन लोगों की छंटनी की जा रही है उनमें ड्राइवर, सवारी परिचालन सहायता और भारत में कंपनी के अन्य परिचालनों के कर्मचारी शामिल हैं.

उबर इंडिया एवं दक्षिण एशिया प्रसिडेंट प्रदीप परमेश्वरन ने कहा, ‘‘कोविड- 19 के प्रभाव और इसमें सुधार को लेकर अनिश्चितता की स्थिति को देखते हुये उबर इंडिया दक्षिण एशिया के समक्ष अपने कार्यबल के आकार को कम करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया. इसे देखते हुये कंपनी के ड्राइवर, समर्थन स्टाफ तथा अन्य कार्य क्षेत्रों से करीब 600 पूर्णकालिक कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ा है.’’ हटाए जा रहे प्रत्येक कर्मचारी को कम से कम दस सप्ताह का वेतन, छह माह का स्वास्थ्य बीमा, नौकरी ढूंढने में मदद ,लैपटाप पास रखने का विकल्प और उबर के ‘प्रतिभाष-कोष’ में नाम चढ़वाने का विकल्प देगी.

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उन्होंने कहा कि यह इस महीने पहले घोषित की गई वैश्विक रोजगार कटौती घोषणा का हिस्सा है. उबर ने इस माह की शुरुआत में ग्राहक सहायता और भर्ती टीम में कम से कम 6,700 पूर्णकालिक कर्मचारियों की कमी करने की घोषणा की थी. जोमाटो, स्विगी और शेयरचैट जैसी कुछ अन्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के आधार पर सेवाएं देने वाली कंपनियां भी अपने कर्मचारियों की छंटनी की घोष्णाएं कर चुकी हैं.

कोराना वायरस को रोकेने के लिए भारत में 25 मार्च से आवागमन पर पाबंदी से ज्यादातर कारोबार बंद पड़ा है. सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह से पाबंदियां कम करनी शुरू की है और कारोबार खुलने लगे है. लेकिन कोविड19 संक्रमण के नए मामलों की संख्या ऊंची बने रहने का बाजार के मनोबल पर असर पड़ा है.

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