देश की खबरें | कवर्धा हिंसा मामला: न्यायिक जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास घेरने की कोशिश

रायपुर, 24 नवंबर छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में हिंसा की घटना की न्यायिक जांच की मांग को लेकर राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के सांसदों, विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकारी आवास के घेराव की कोशिश की और विरोध-प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पहले ही सिविल लाइंस क्षेत्र में रोक लिया और कुछ देर के लिए उन्हें हिरासत में लिय गया।

भाजपा नेताओं ने बुधवार को बताया कि पार्टी के सभी सांसद और विधायकों ने कवर्धा हिंसा की न्यायिक जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए भाजपा कार्यालय 'एकात्म परिसर' से पद यात्रा की।

उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में भाजपा सांसदों तथा विधायकों ने प्रदेश भाजपा कार्यालय से रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना-प्रदर्शन के लिए पैदल मार्च किया, जिन्हें पुलिस ने बेरीकेट्स लगाकर सिविल लाइंस में रोक दिया।

भाजपा ने सिविल लाइंस में धरना-प्रदर्शन कर कवर्धा हिंसा की न्यायिक जांच की मांग के लिए नारेबाजी की।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि कवर्धा हिंसा को लेकर राज्य सरकार के रवैए को लेकर आक्रोश है और यह धरना छत्तीसगढ़ के आक्रोश की मुखर अभिव्यक्ति है। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साय ने कहा कि राज्य सरकार कवर्धा हिंसा की न्यायिक जांच का आदेश करे और राजनीतिक दुर्भावना और प्रतिशोधवश भाजपा के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले।

जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भाजपा के सात सांसदों और 14 विधायकों सहित अन्य भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में बिना शर्त रिहा कर दिया गया।

वहीं, भाजपा के विरोध-प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा के पास राज्य में कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह सांप्रदायिकता और धर्मांतरण के मुद्दे को उठा रहे हैं।

बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा, ''हमने उनसे कहा था कि अगर उनके पास कोई तथ्य है तब इसे साझा कर सकते हैं लेकिन उन्होंने कुछ नहीं दिया। राज्य में भाजपा के साथ कोई भी नहीं है। चाहे वह किसान हो, आदिवासी हो, महिला हो या युवा वर्ग हो, क्योंकि राज्य सरकार ने इन सभी वर्गों के लिए योजनाएं शुरू की है और उन्हें इसका लाभ मिल रहा है।''

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