देश की खबरें | कर्नाटक ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण से पानी छोड़ने के आदेश की समीक्षा का आग्रह किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष एक याचिका दायर कर तमिलनाडु को पानी छोड़ने के अपने आदेश की समीक्षा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कावेरी नदी पर मेकेदातु संतुलन जलाशय के निर्माण को लेकर सभी तैयारियां कर रही है।

बेंगलुरु, पांच अक्टूबर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष एक याचिका दायर कर तमिलनाडु को पानी छोड़ने के अपने आदेश की समीक्षा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कावेरी नदी पर मेकेदातु संतुलन जलाशय के निर्माण को लेकर सभी तैयारियां कर रही है।

पिछले कुछ दिनों में कुछ क्षेत्रों में बारिश के बावजूद कावेरी बेसिन में जलाशयों में पानी की कमी का जिक्र करते हुए राज्य के जल संसाधन मंत्री शिवकुमार ने कहा कि सरकार क्षेत्र में खेतों में लगी फसलों को बचाने में कामयाब रही है और आगामी दिनों में और बारिश से स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम (सीडब्ल्यूएमए के समक्ष) पहले ही अपील कर चुके हैं कि हम 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने में भी असमर्थ हैं। हमने मेकेदातु मुद्दे के संबंध में भी एक प्रस्ताव रखा है। हम काम कर रहे हैं और इसके लिए जरूरी कानूनी तैयारियां कर रहे हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘हमें चरणबद्ध तरीके से जाना होगा, अन्यथा अदालतों में इस (हमारी याचिका) पर विचार नहीं किया जाएगा।’’

कम बारिश के समय अपनाए जाने वाले जल-बंटवारे के फॉर्मूले को तैयार करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘इस साल को खत्म होने दीजिए, हम बाद में इसे देखेंगे...इस बारे में अपने सांसदों से पूछेंगे।’’

सीडब्ल्यूएमए ने 29 सितंबर को कर्नाटक से 15 अक्टूबर तक तमिलनाडु के लिए प्रतिदिन 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा, हालांकि कर्नाटक ने कहा था कि उसके जलाशयों में पर्याप्त भंडारण नहीं है।

कर्नाटक सरकार कहती रही है कि संकट के वर्षों के दौरान अंतरराज्यीय जल विवाद को हल करने के लिए रामानगर जिले में कनकपुरा के पास नदी पर मेकेदातु संतुलन जलाशय का निर्माण ही एकमात्र समाधान है। तमिलनाडु इस परियोजना का यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि यह उसके और उसके किसानों के हित के लिए हानिकारक होगा।

शिवकुमार ने कहा कि 106 टीएमसी पानी की आवश्यकता है, लेकिन कावेरी बेसिन जलाशयों में केवल 56 टीएमसी पानी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हल्की बारिश के कारण प्रवाह में वृद्धि हुई थी, लेकिन अब यह कम हो गया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\