देश की खबरें | कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पीएफ धोखाधड़ी मामले में रॉबिन उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाई

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बेंगलुरू, 31 दिसंबर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को मंगलवार को अंतरिम राहत देते हुए भविष्य निधि (पीएफ) धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर अस्थायी रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अवकाशकालीन पीठ ने वसूली नोटिस और गिरफ्तारी वारंट रद्द करने को लेकर उथप्पा की याचिका पर संबंधित कार्यवाही को भी स्थगित कर दिया।

बेंगलुरू पुलिस ने चार दिसंबर को क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त के निर्देशों के आधार पर 21 दिसंबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसमें सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स में निदेशक के रूप में उथप्पा की पूर्व भूमिका से जुड़े बकाया की वसूली की मांग की गई थी।

आरोपों में कहा गया है कि कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ अंशदान काट लिया, लेकिन उस अंशदान को जमा करने में वह विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप 23.36 लाख रुपये का बकाया रह गया। उथप्पा ने 2018 से मई 2020 में अपने इस्तीफे तक कंपनी के निदेशक के रूप में कार्य किया।

सुनवाई के दौरान उथप्पा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने दलील दी कि क्रिकेटर कंपनी के संस्थापक कृष्णदास थंडनंद हवड़े के साथ अपने समझौते के अनुसार, उनके मुवक्किल कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में शामिल नहीं थे।

नवदगी ने जोर देकर कहा कि ईपीएफ अधिनियम के तहत उथप्पा को ‘‘नियोक्ता’’ के रूप में जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता है।

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