देश की खबरें | करौली सांप्रदायिक हिंसा: कर्फ्यू जारी, स्थिति नियंत्रण में
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के करौली जिले में नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजर रही मोटरसायकिल रैली पर पथराव के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते शहर में शनिवार को कर्फ्यू लगाया गया था,जो रविवार को भी जारी रहा।
जयपुर, तीन अप्रैल राजस्थान के करौली जिले में नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजर रही मोटरसायकिल रैली पर पथराव के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते शहर में शनिवार को कर्फ्यू लगाया गया था,जो रविवार को भी जारी रहा।
उपद्रव की इन घटनाओं में लगभग 35 लोग घायल हो गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) हवा सिंह घूमरिया ने बताया कि शनिवार को हुई हिंसा के सिलसिले में 36 लोगों को हिरासत में लिया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
पुलिस ने रविवार को बताया कि राज्य की राजधानी जयपुर से 170 किलोमीटर दूर करौली में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिये मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि करौली शहर में शनिवार को नव संवत्सर के उपलक्ष्य में मोटरसायकिल रैली जब मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही थी तभी कुछ शरारती तत्वों ने पथराव किया, इसके बाद हिंसा फैल गई और उपद्रवियों ने कुछ दुकानों और मोटरसायकिलों को आग के हवाले कर दिया। इससे कई दुकानें, वाहन और अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गये।
उन्होंने बताया कि हिंसा में घायल हुए 35 लोगों में से नौ को करौली के जिला अस्पताल में और गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को जयपुर के सवाईमान सिंह चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद शनिवार रात को ही घर भेज दिया गया था।
पुलिस ने बताया कि एक दल हिंसा में हुई संपत्ति के नुकसान का आकलन कर रहा है।
राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस महानिदेशक एम एल लाठेर से शनिवार को स्थिति के बारे में जानकारी ली थी और आमजन से शांति बनाये रखने की अपील की थी।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक और पुलिस निरीक्षक स्तर के 50 अधिकारियों सहित कुल 600 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और भारतीय पुलिस सेवा के चार अधिकारी को जयपुर से करौली भेजा गया है।
गहलोत ने पुलिस महानिदेशक को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा था कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख और अन्य सभी समुदायों को राज्य में शांति और विकास का माहौल बनाने में योगदान देने और अपनी रचनात्मक भूमिका निभाने का आवश्यकता हैं।
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