नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर जन औषधि दुकानों की बिक्री इस साल अक्टूबर में 1,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू गई। इससे पहले यह उपलब्धि दिसंबर, 2023 में हासिल की गई थी।
विशेष रूप से, फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) ने सितंबर, 2024 के एक महीने में 200 करोड़ रुपये की दवाएं बेची थीं।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘यह उपलब्धि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं पर लोगों के बढ़ते भरोसे और निर्भरता को दर्शाता है। यह केवल नागरिकों के अटूट समर्थन से ही संभव हो पाया है, जिन्होंने देश भर में 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों से दवाएं खरीदकर इस पहल को अपनाया है।’’
इसमें कहा गया है कि यह पर्याप्त वृद्धि जेब से होने वाले खर्च को कम करके सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और सस्ती बनाने की पीएमबीआई की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
पिछले 10 साल में देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 170 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2014 के 80 केंद्रों से बढ़कर अब इनकी संख्या 14,000 से अधिक हो गई है। जन औषधि केंद्र देश के लगभग सभी जिलों तक पहुंच चुके हैं।
अगले दो वर्षों में सरकार देश में लगभग 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य बना रही है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के उत्पाद समूह में 2,047 दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।
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