देश की खबरें | यह सभी भारतीय फुटबॉल कोच के लिए प्रेरणादायक है: अरमांडो कोलाको
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. खुद को पुरानी और नयी पीढ़ी के कोच के बीच ‘पुल’ बताने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता 71 साल के अरमांडो कोलाको का मानना है कि यह सम्मान भारतीय फुटबॉल को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए देश के अनुभवी कोच के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
नयी दिल्ली, तीन जनवरी खुद को पुरानी और नयी पीढ़ी के कोच के बीच ‘पुल’ बताने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता 71 साल के अरमांडो कोलाको का मानना है कि यह सम्मान भारतीय फुटबॉल को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए देश के अनुभवी कोच के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
अरमांडो कई वर्षों से इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर रहे थे। इस पुरस्कार को भारत में कोच के लिए सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।
अरमांडो ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) से कहा, ‘‘ पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे प्रशिक्षकों को यह अहसास होगा कि आपकी सारी मेहनत के बारे में बातचीत होती है। मैं इन सभी प्रशिक्षकों के लिए प्रेरणा बन सकता हूं क्योंकि मैं पुरानी पीढ़ी और नयी पीढ़ी के बीच एक पुल की तरह हूं।’’
भारतीय टीम के 2011 में कोच रहे अरमांडो ने कहा, ‘‘यह सभी भारतीय कोच के लिए एक तरह की प्रेरणा हो सकती है क्योंकि मौजूदा समय में भारतीय फुटबॉल में विदेशी कोच का दबदबा है।’’
डेम्पो एससी के साथ रिकॉर्ड पांच एनएफएल/आई-लीग खिताब जीतने वाले अरमांडो वह द्रोणाचार्य पुरस्कार पाने वाले पहले गोवावासी हैं।
राष्ट्रीय कोच के रूप में अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुछ प्रभावशाली परिणाम दिए। इसमें दोहा में खेले गए मैत्री मैच में कतर पर 2-1 की जीत भी शामिल है।
उनके कोच रहते भारतीय टीम ने दिल्ली के अंबेडकर स्टेडियम में विश्व कप क्वालीफाइंग मैच में मजबूत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ खेला था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हालांकि वह मैच याद जिसमें हमें यूएई के घरेलू मैदान पर 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में दो रेड कार्ड मिलने के कारण 25 मिनट के बाद हमें सिर्फ नौ खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा था। हमें मुकाबले में बने रहने के लिए इस मैच के लिए रणनीति में कुछ बदलाव करने पड़े थे।’’
क्लब स्तर पर उनके शिष्यों में समीर नाइक, महेश गवली, क्लिफोर्ड मिरांडा और क्लाइमेक्स लॉरेंस जैसे खिलाड़ी शामिल है। ये खिलाड़ी कई वर्षों तक राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने रहें।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)