मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी को एक शब्द बोलने में 80 दिन लग गए: केरल के मुख्यमंत्री विजयन
Pinarayi Vijayan Photo Credits: Twitter

कोच्चि, 12 नवंबर: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर रविवार को प्रहार करते हुए कहा कि मणिपुर में हुई हिंसा पर एक शब्द बोलने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 80 दिन लग गए. विजयन ने दिल्ली के पत्रकार जॉर्ज कल्लिवयालिल द्वारा लिखी गई पुस्तक 'मणिपुर एफआईआर' का विमोचन करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने इस साल मई में (मणिपुर में) भड़की हिंसा के बाद कम से कम तीन महीने तक पूर्वोत्तर के इस राज्य का दौरा नहीं किया.

वरिष्ठ वामपंथी नेता विजयन ने यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि ऐसे समय में जब "मुख्यधारा का मीडिया मणिपुर हिंसा से जुड़ी खबरों को तवज्जो नहीं दे रहा या उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहा" है तब कल्लिवयालिल ने वहां मानवता के खिलाफ हो रहे अपराधों का दस्तावेजीकरण करने की पहल की है. विजयन ने कहा, “मणिपुर पिछले छह महीने से हिंसाग्रस्त है. कुछ मीडिया संस्थान चंद घंटों में इज़राइल पहुंच गए, लेकिन उन्होंने अब तक मणिपुर में स्थिति को कवर नहीं किया है. इससे, प्रमुख मीडिया संस्थानों की प्राथमिकताएं, और वे किसके हितों से जुड़े हुए हो सकते हैं, यह स्पष्ट हो जाता है.”

उन्होंने कहा कि हिंसा भड़कने के तुरंत बाद, वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने राज्य का दौरा किया, लेकिन न तो प्रधानमंत्री और न ही मंत्रियों ने इस विषय पर ध्यान दिया. विजयन ने कहा, “हिंसा की शुरुआत मई 2023 में हुई थी. देश के प्रधानमंत्री को मणिपुर के बारे में एक शब्द बोलने में 80 दिन लग गए और वह भी वहां हो रही बर्बर घटनाओं की रिपोर्ट सामने आने के बाद। तब तक वह बिल्कुल खामोश थे.” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बर्बर घटनाओं में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के बजाय इन घटनाओं को दुनिया के सामने लाने वाले लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए.

अधिकारियों द्वारा जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, विजयन ने कहा कि मणिपुर में 200 लोग मारे गए और 1,000 से अधिक घायल हैं, जबकि लगभग 5,000 घरों को आग के हवाले कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला को पुस्तक की एक प्रति भेंट की. चेन्निथला ने राजग सरकार और मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि मणिपुर में हिंसा को लेकर आर्कबिशप समेत ईसाई धर्म गुरुओं द्वारा लिखे पत्रों पर न तो केंद्र और न ही प्रधानमंत्री ने गौर किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि सिर्फ ऊपरी मणिपुर में 150 से अधिक गिरिजाघर नष्ट कर दिए गए, लेकिन भाजपा नीत केंद्र सरकार वहां हिंसा को नियंत्रित करने में 'विफल' रही. उन्होंने कहा कि पुस्तक मणिपुर में हिंसा की कई घटनाओं पर प्रकाश डालती है.

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