देश की खबरें | इसरो बृहस्पतिवार को करेगा महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कक्षा में दो उपग्रहों का उपयोग करके अपना महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग बृहस्पतिवार को करेगा।

बेंगलुरु, आठ जनवरी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कक्षा में दो उपग्रहों का उपयोग करके अपना महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग बृहस्पतिवार को करेगा।

इससे पहले यह प्रयोग सात जनवरी के लिए निर्धारित किया गया था लेकिन अब यह नौ जनवरी यानी बृहस्पतिवार को होगा।

यदि इसरो अपने मिशन में सफल हो जाता है तो भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने दो छोटे उपग्रहों- एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) तथा 24 पेलोड को लेकर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्चपैड से उड़ान भरी थी। प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट बाद, लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान को 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में छोड़ दिया गया था।

इसरो के अनुसार, स्पेडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है।

यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे कि चंद्रमा पर भारत, चंद्रमा से नमूना वापसी, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिसे दो छोटे उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष यान के मिलान, डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी को विकसित करने और प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया है।

इसरो ने कहा, ‘‘स्पेडेक्स अंतरिक्ष डॉकिंग में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित होगा। अंतरिक्ष डॉकिंग उपग्रह सर्विसिंग, अंतरिक्ष स्टेशन संचालन और अंतरग्रहीय मिशन सहित भविष्य के अंतरिक्ष मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी है।’’

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