इजराइल के पास हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम से इनकार करने का कोई बहाना नहीं: ईयू की शीर्ष राजनयिक
यूरोपीय संघ के निवर्तमान विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने सरकार में चरमपंथियों पर अंकुश लगाने के लिए इजराइल पर दबाव बढ़ाने का आह्वान किया, जो समझौते को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं.
यूरोपीय संघ के निवर्तमान विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने सरकार में चरमपंथियों पर अंकुश लगाने के लिए इजराइल पर दबाव बढ़ाने का आह्वान किया, जो समझौते को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं. इटली में ‘ग्रुप ऑफ सेवेन’ (जी7) की बैठक के अवसर पर बोरेल ने चेतावनी दी कि यदि युद्ध विराम लागू नहीं किया गया तो “लेबनान बिखर जाएगा”.
इजराइली अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट मंगलवार को प्रस्तावित युद्ध विराम पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. जो मुद्दे बचे हैं उनमें इजराइली की यह मांग भी है कि अगर हिजबुल्लाह हो रहे समझौते के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन करता है तो कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखा जाए. बोरेल ने कहा कि प्रस्तावित समझौते के तहत, अमेरिका युद्धविराम कार्यान्वयन समिति की अध्यक्षता करेगा, जिसमें लेबनान के अनुरोध पर फ्रांस भी भाग लेगा. यह भी पढ़े : भारत की प्रस्तावित आधिकारिक यात्रा के बाद चीन जाएंगे दिसानायके : अधिकारी
बोरेल ने इटली के फ्यूजी में संवाददाताओं से कहा, “अमेरिका और फ्रांस द्वारा प्रस्तावित समझौते पर इजराइल की सभी सुरक्षा चिंताओं का समाधान कर दिया गया है. युद्ध विराम लागू न करने का कोई बहाना नहीं है. अन्यथा लेबनान बिखर जाएगा.” अक्टूबर 2023 में इजराइल में हमास के हमलों के बाद, इजराइल और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के बीच महीनों से चल रही लड़ाई हाल के महीनों में पूर्ण युद्ध में बदल गई है, जिसमें इजराइल ने हिजबुल्लाह के मुख्य नेताओं को मार डाला है और दक्षिणी लेबनान में जमीनी सेना भेज दी है.