मुंबई, 22 नवंबर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक के खिलाफ उत्पीड़न मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है।
कर सेवा महानिदेशालय में अतिरिक्त आयुक्त एवं महार अनुसूचित जाति से तालुक रखने वाले वानखेड़े ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि मामले में पुलिस की निष्क्रियता के कारण उन्हें और उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा।
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी ने अगस्त 2022 में गोरेगांव पुलिस में मलिक के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में आरोप लगाया था कि मलिक ने साक्षात्कारों और सोशल मीडिया पर वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जाति आधारित अपमानजनक टिप्पणी की।
मालिक को न तो मामले में गिरफ्तार किया गया है और न ही आज तक आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
उच्च न्यायालय में 20 नवंबर को दायर याचिका में वानखेड़े ने दावा किया कि पुलिस ने अभी तक मामले की जांच नहीं की है। उन्होंने मामले को जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का अनुरोध किया।
आईआरएस अधिकारी ने अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया।
याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
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