देश की खबरें | आतंकवाद जैसी किसी राज्य प्रायोजित गतिविधि को रोकने में इंटरपोल की कोई भूमिका नहीं: महासचिव

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने सोमवार को कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद जैसी किसी भी गतिविधि को रोकने में अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन कोई भूमिका नहीं निभाता है और इसका ध्यान साइबर अपराधियों, मादक पदार्थ के सौदागरों और बाल शोषण करने वालों पर अंकुश लगाने पर रहता है।

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने सोमवार को कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद जैसी किसी भी गतिविधि को रोकने में अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन कोई भूमिका नहीं निभाता है और इसका ध्यान साइबर अपराधियों, मादक पदार्थ के सौदागरों और बाल शोषण करने वालों पर अंकुश लगाने पर रहता है।

स्टॉक ने दिल्ली में इंटरपोल की 90वीं महासभा की पूर्व संध्या पर प्रेस को संबोधित किया, जिसमें 195 देशों के पुलिस प्रमुखों और मंत्रियों के भाग लेने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को महासभा का उद्घाटन करेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या वैश्विक निकाय आतंकवाद का समर्थन करने वाले और आतंकवाद के आरोपियों को पनाह देने वाले देशों की कार्रवाई पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाएगा, स्टॉक ने कहा, "हम (इस संबंध में) बहुत विशिष्ट और ठोस भूमिका नहीं निभा रहे हैं। अगर कोई राज्य प्रायोजित गतिविधि है तो इंटरपोल (इसके संबंध में) कोई काम नहीं कर रहा है।"

उन्होंने कहा, "हम मुख्य रूप से हमारे संविधान के अनुसार, सामान्य कानून अपराध पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम बाल शोषण करने वालों, बलात्कारियों, हत्यारों, अरबों पैसा कमाने की चाहत रखने वाले मादक पदार्थ सौदागरों और साइबर अपराधियों के खिलाफ काम कर रहे हैं तथा इस पर इंटरपोल का मुख्य ध्यान है। दुनिया भर में ज्यादातर यही अपराध होते हैं, इसलिए इंटरपोल मौजूद है।"

स्टॉक ने कहा कि इंटरपोल एक ऐसा मंच है जो अपने सदस्य देशों को जानकारी साझा करने की अनुमति देता है।

उन्होंने कहा कि इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस क्या है और इससे भी महत्वपूर्ण यह क्या नहीं है, इस बारे में "कुछ भ्रम" है।

स्टॉक ने कहा, "रेड नोटिस कोई अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं है और इंटरपोल किसी भी सदस्य देश को रेड नोटिस से संबंधित किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। किसी मामले के गुण-दोष में जाना या राष्ट्रीय अदालतों द्वारा लिए गए निर्णय को सही-गलत मानना इंटरपोल का काम नहीं है। यह प्रत्येक देश में संप्रभु मामला होता है।"

उन्होंने कहा कि रेड नोटिस के लिए हर अनुरोध का मूल्यांकन संविधान और इंटरपोल के नियमों के अनुसार किया जाता है।

स्टॉक ने कहा कि इंटरपोल मामले के राजनीतिक, सैन्य, धार्मिक या नस्ली प्रकार का होने पर रेड नोटिस जारी नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि संगठन समझता है कि किसी मामले में रेड नोटिस जारी नहीं करने के उसके फैसले का संबंधित सदस्य देश द्वारा स्वागत नहीं किया जा सकता, लेकिन इंटरपोल किसी भी देश से किसी भी अनुरोध का आकलन करते समय समान नियम लागू करता है।

स्टॉक ने कहा कि महासभा में भाग लेने वाले सदस्यों के साथ अपराधों के नवीनतम तरीकों पर पर विमर्श किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वैश्विक तौर पर अवैध वित्तीय प्रवाह के एक प्रतिशत से भी कम हिस्से को पकड़ा जाता है और चोरी की 99 प्रतिशत संपत्ति आपराधिक हाथों में होने का मामला शेष सभी के लिए "अधिक चिंता" का विषय होना चाहिए।

स्टॉक ने हाल में ऑपरेशन लायनफिश सहित "इंटरपोल द्वारा किए गए समन्वित अभियानों की कड़ी" में भारत की भूमिका की सराहना की, जिसके दौरान भारतीय अधिकारियों ने 75 किलोग्राम हेरोइन की सबसे बड़ी जब्ती की।

महासचिव ने कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों के प्रतिनिधि भी महासभा में शामिल होने के लिए आ चुके हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\