जरुरी जानकारी | सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नीति अंतर-मंत्रालयी चर्चा के अंतिम चरण में: डीपीआईआईटी सचिव

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए नीति अंतर-मंत्रालयी चर्चा के अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, 18 मार्च सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए नीति अंतर-मंत्रालयी चर्चा के अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने यहां स्टार्टअप महाकुंभ में कहा कि स्टार्टअप इकाइयों को देश और स्वयं के लाभ के लिए अपने नवोन्मेषण को बौद्धिक संपदा अधिकारों में बदलना चाहिए। व्यापक अनुसंधान एवं विकास के जरिये ऐसा किया जा सकता है।

सिंह ने कहा, ‘‘भारत सरकार एक अलग सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नीति बना रही है। नीति का मसौदा अब अंतर-मंत्रालयी चर्चा के अंतिम चरण में है। हमें उम्मीद है कि इसे जल्द लाया जाएगा। हम एक बड़ा कोष बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। उम्मीद है कि आप सघन प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए अलग व्यवस्था देखेंगे।’’

प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) ने सात जुलाई, 2022 को अपनी 21वीं बैठक में इस संबंध में एक व्यापक नीतिगत ढांचे का प्रस्ताव दिया था और एक कार्यसमूह के गठन की सिफारिश की थी।

सिंह ने कहा कि अंतरिम बजट में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि डीपीआईआईटी कारोबार क्षेत्र और स्टार्टअप समुदाय के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोष का इस्तेमाल अनुसंधान एवं विकास, स्टार्टअप के वित्तपोषण, प्रोटोटाइप के व्यावसायीकरण के लिए हो।''

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को वित्तपोषण से ज्यादा सरकार से काम मिलने की जरूरत होती है और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) इस जरूरत को पूरा कर रहा है।

सिंह ने सरकारी विभागों में रक्षा मंत्रालय के आईडेक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) मॉडल को लागू करने का भी आह्वान किया।

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