उप्र में डीएम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश

उन्होंने कहा, ‘‘ इस सम्बन्ध में सम्बन्धित धर्मगुरुओं/सामाजिक नेताओं से अपील करने अनुरोध किया जाये कि लोग अपने घरों के अन्दर ही त्योहार मनायें।’’

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तिवारी ने कहा, ‘‘अन्य प्रदेश एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सम्बन्धित जिले में विशेष सतर्कता बरती जाये तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रदेश के बाहर से प्रदेश में अथवा प्रदेश से बाहर लोगों का आवागमन न हो। आगामी कुछ दिनों में कई त्योहारों को दृष्टिगत यह सुनिश्चित किया जाये कि इस अवसर पर कहीं कोई भीड़ न हो और न ही कोई जुलूस आदि निकले तथा लॉकडाउन का पूर्णतः पालन हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस सम्बन्ध में सम्बन्धित धर्मगुरुओं/सामाजिक नेताओं से अपील करने अनुरोध किया जाये कि लोग अपने घरों के अन्दर ही त्योहार मनायें।’’

मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिये।

उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सरकारी एवं निजी दोनों ही चिकित्सालयों में आपात चिकित्सा सुविधा चौबीसों घंटे उपलब्ध हो। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा की भी समुचित व्यवस्था की जाये तथा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाये। इसके अतिरिक्त कोविड-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं एवं आवश्यक सुरक्षा सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये।

तिवारी ने कहा, ‘‘सामान्य रोगियों (जो पूर्व में ओपीडी में आते थे) के इलाज हेतु टेलीमेडिसिन/टेलीफोन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श लेने की व्यवस्था की जाये। इसके लिये चिकित्सकों के टेलीफोन नम्बर व उनके द्वारा परामर्श हेतु निर्धारित समय की जानकारी जन-सामान्य को उपलब्ध करायी जाये। यदि किसी मरीज के रक्त आदि की जांच आवश्यक हो, तो नमूने को घर से ही एकत्र करने की व्यवस्था करायी जाये।’’

मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘ संस्थाागत पृथकवास की 14 दिन की अवधि पूर्ण करने के उपरान्त आवश्यक चिकित्सकीय जांच करने और संक्रमण मुक्त पाये गये व्यक्तियों को 14 दिन की अवधि के लिये घर में ही पृथक रहने के भेज दिया जाये तथा उसे आवश्यक खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया जाये। घर में ही पृथक रखे गए व्यक्तियों से निरन्तर टेलीफोन पर सम्पर्क कर यह सुनिश्चित किया जाये कि उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है।’’

तिवारी ने कहा, ‘‘आश्रय गृह में भोजन एवं सफाई की व्यवस्था शासकीय अधिकारियों के पर्यवेक्षण में करायी जाये। भोजन वितरण की व्यवस्था जिला स्तर पर केन्द्रीय रूप से नियंत्रित होनी चाहिये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि विश्वसनीय एवं प्रमाणित लोगों द्वारा ही भोजन का वितरण किया जाये। भोजन वितरण में स्वच्छता तथा खाद्य सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाये। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह चालू रहे, ताकि वस्तुओं की दुकानों में उपलब्धता की समस्या नहीं आए।आटा एवं दाल मिलों पर गेहूं एवं दलहन की पर्याप्त व्यवस्था हो।’’

मुख्य सचिव ने कहा कि आगामी 15 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय केन्द्रों का भी संचालन प्रारम्भ हो जायेगा। इसी समय राशन की दुकानों से खाद्यान्न वितरण भी होना है। इन स्थानों पर सामाजिक दूरी का पूर्ण रूप से पालन कराने के साथ-साथ हाथ धोने हेतु सेनेटाइजर तथा साबुन की व्यवस्था की जाये। इन स्थानों पर भीड़ को नियंत्रित करने हेतु टोकन व्यवस्था भी लागू की जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह भी सुनिश्चित किया जाये कि किसानों को अपने उत्पादन न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर न बेचना पड़े तथा कोई भी व्यापारी अथवा कम्पनी निर्धारित गुणवत्ता का उत्पाद न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर क्रय न करे।’’

तिवारी ने निर्देश दिए कि भारत सरकार द्वारा तैयार किये गये ‘आरोग्य सेतु’ ऐप को सभी सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं जन-सामान्य को डाउनलोड कराया जाये। यह ऐप रोग से स्वयं तथा अन्य लोगों को भी बचाने में अत्यंत सहायक है।

अमृत

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