नयी दिल्ली, 14 मई सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण अप्रैल में भारत का पाम तेल आयात सालाना आधार पर 34.11 प्रतिशत बढ़कर 6,84,000 टन पर पहुंच गया है।
एसईए ने बयान में कहा कि अप्रैल में भारत के कुल 13,04,409 टन खाद्य तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत थी, जिसमें सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का आयात 6,20,315 टन था।
इसमें कहा गया है कि गैर-खाद्य तेलों सहित कुल वनस्पति तेल आयात अप्रैल में 26 प्रतिशत बढ़कर 13,18,528 टन हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 10,50,189 टन था।
एसईए ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कीमतों में मंदी ने परिष्कृत और गंधहीन (आरबीडी) पामोलीन और कच्चे पाम तेल (सीपीओ) के उच्च आयात को प्रोत्साहित किया, जिसमें पिछले महीने प्रति टन लगभग 100 अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई।
इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर सोयाबीन तेल की कीमतें 40 डॉलर प्रति टन गिर गईं, जबकि सूरजमुखी तेल की कीमत पिछले महीने 15 डॉलर प्रति टन कम हो गई।
पाम तेलों में, आरबीडी पामोलीन का आयात बढ़कर 1,24,228 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 1,12,248 टन था।
सीपीओ (कच्चा पाम तेल) का आयात पहले के 3,93,856 टन से 36 प्रतिशत बढ़कर 5,36,248 टन हो गया, जबकि कच्चे पाम कर्नेल तेल का आयात 3,990 टन से लगभग छह गुना होकर 23,618 टन हो गया।
नरम तेलों में, सोयाबीन तेल का आयात 2,62,455 टन से बढ़कर 3,85,514 टन हो गया। हालांकि, सूरजमुखी तेल का आयात 2,49,122 टन से घटकर 2,34,801 टन रह गया।
एसईए ने कहा, एक मई तक, भारत के पास 22.45 लाख टन खाद्य तेल का भंडार था।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है। इंडोनेशिया और मलेशिया आरबीडी पामोलीन और सीपीओ के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि सोयाबीन तेल अर्जेंटीना और ब्राजील से तथा सूरजमुखी तेल रूस, रोमानिया और यूक्रेन से आयात किया जाता है।
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