देश की खबरें | भारत की जी20 अध्यक्षता समाप्ति की ओर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जी20 में 55 देशों की सदस्यता वाले अफ्रीकी संघ को शामिल कराना, जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए पहल, यूक्रेन संघर्ष को लेकर गहरे विभाजन के बावजूद नयी दिल्ली घोषणा पत्र जारी कराने को दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह की भारत की अध्यक्षता की अहम उपलब्धियों के तौर पर देखा गया है।
नयी दिल्ली, 30 नवंबर जी20 में 55 देशों की सदस्यता वाले अफ्रीकी संघ को शामिल कराना, जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए पहल, यूक्रेन संघर्ष को लेकर गहरे विभाजन के बावजूद नयी दिल्ली घोषणा पत्र जारी कराने को दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह की भारत की अध्यक्षता की अहम उपलब्धियों के तौर पर देखा गया है।
जी20 की भारत की साल भर की अध्यक्षता समाप्त होने वाली है। इस बीच विदेश नीति विशेषज्ञों ने कहा कि एक साल की अवधि में भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति को विस्तारित किया और ग्लोबल साउथ (विकासशील देश) के लिए एक विश्वसनीय आवाज के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की।
भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को आधिकारिक तौर पर जी20 की अध्यक्षता संभाली थी और ब्राजील शुक्रवार को यह प्रतिष्ठित अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
पूर्व राजनयिक अशोक सज्जनहार ने कहा, "भारत ने अपनी समग्र वैश्विक स्थिति को विस्तारित करने के अलावा ग्लोबल साउथ के लिए एक प्रमुख आवाज के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है।"
भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में, सितंबर में अफ्रीकी संघ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह का नया स्थायी सदस्य बन गया जो 1999 में अपनी स्थापना के बाद से प्रभावशाली गुट का पहला विस्तार था।
भारत अफ्रीकी संघ को जी20 सदस्य के रूप में शामिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था ताकि प्रभावशाली वैश्विक समूह में अफ्रीकी महाद्वीप का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
अफ्रीकी संघ (एयू) एक प्रभावशाली संगठन है और इसमें अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देश शामिल है।
जी20 के अध्यक्ष के रूप में, भारत ने ग्लोबल साउथ को लाभान्वित करने के उद्देश्य से समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, जलवायु वित्तपोषण और न्यायसंगत वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
कई अखबारों में बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक लेख में मोदी ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण 'समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक' होने से परिभाषित होता है और जी20 के सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया नयी दिल्ली घोषणापत्र इन सिद्धांतों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा, ‘‘जी20 की अध्यक्षता संभालते हुए भारत ने दुनिया को यथास्थिति का विकल्प देने की कोशिश की, जो जीडीपी-केंद्रित से मानव-केंद्रित प्रगति की ओर एक बदलाव है। भारत का उद्देश्य दुनिया को यह याद दिलाना है कि हमें क्या एकजुट करता है, बजाय इसके कि हमें क्या विभाजित करता है।’’
सज्जनहार ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता उसके वैश्विक नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को चिन्हित करती है।
एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर गहरे मतभेदों के बावजूद शिखर सम्मेलन में जी20 घोषणा पत्र भारत के नेतृत्व का एक शानदार उदाहरण है।
भारत की अध्यक्षता में, जी20 ने 2030 तक वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के लक्ष्य पर सहमति व्यक्त की, जिसे एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में देखा गया।
भारत ने 22 नवंबर को जी20 ऑनलाइन शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी की, जिसमें वार्षिक शिखर सम्मेलन में तय किए गए प्रमुख परिणामों और कार्रवाई बिंदुओं को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया।
समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू) और अफ्रीकी संघ शामिल हैं।
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