देश का निर्यात मार्च में 34.57 प्रतिशत, 2019-20 में 4.78 प्रतिशत गिरा

आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश का निर्यात 4.78 प्रतिशत गिरकर 314.31 अरब डॉलर पर आ गया।

जमात

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल चमड़ा, रत्न एवं आभूषण तथा पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में तेज गिरावट आने से भारत का निर्यात मार्च महीने में 34.57 प्रतिशत गिरकर 21.41 अरब डॉलर पर आ गया। वाणिज्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।

आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश का निर्यात 4.78 प्रतिशत गिरकर 314.31 अरब डॉलर पर आ गया।

इस साल मार्च महीने में 21.41 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात हुआ, जो साल भर पहले के 32.72 अरब डॉलर से 34.57 प्रतिशत कम है। यह 2008-09 के बाद निर्यात में सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। इससे पहले मार्च 2009 में भारत का निर्यात 33.3 प्रतिशत कम हुआ था।

आलोच्य महीने के दौरान आयात साल भर पहले के 31.16 अरब डॉलर से कम होकर 28.72 अरब डॉलर पर आ गया। यह नवंबर 2015 के बाद आयात की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। तब आयात में 30.26 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

आयात और निर्यात में गिरावट आने के कारण आलोच्य माह में व्यापार घाटा साल भर पहले के 11 अरब डॉलर से कम होकर 9.76 अरब डॉलर पर आ गया। यह पिछले 13 महीने का सबसे कम व्यापार घाटा है। इससे पहले फरवरी 2019 में व्यापार घाटा 9.6 अरब डॉलर रहा था।

कच्चा तेल तथा सोने के आयात में मार्च में क्रमश: 15 प्रतिशत और 62.64 प्रतिशत की गिरावट आयी। इस दौरान 10 अरब डॉलर कच्चा तेल का तथा 1.22 अरब डॉलर सोने का आयात किया गया।

पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 के दौरान आयात 9.12 प्रतिशत गिरकर 467.19 अरब डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान व्यापार घाटा 2018-19 के 184 अरब डॉलर से कम होकर 152.88 अरब डॉलर पर आ गया।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर पहले से कायम नरमी के बीच कोरोना वायरस महामारी के संकट के कारण निर्यात में गिरावट आयी है। कोरोना वायरस महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आयी हैं तथा मांग कम हुई है। इससे निर्यात के ऑर्डर रद्द हुए हैं।’’

निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि व्यापार के आंकड़े अनुमान के मुताबिक ही हैं। मार्च के अंतिम दो सप्ताह में लॉकडाउन तथा ऑर्डर के रद्द होने से भारतीय निर्यातक निर्यात कर नहीं पाये।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से न सिर्फ कारोबारी धारणा निचले स्तर पर आ गयी है बल्कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भी बाधित हुई है। इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के हालात ला दिये हैं। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में भी इसी तरह के आंकड़े देखने को मिलेंगे।

हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी कि 2020-21 की दूसरी तिमाही से अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात के हिसाब से निर्यात में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने के दौरान सिर्फ लौह अयस्क को छोड़ 30 में से 29 प्रमुख निर्यात समूहों में गिरावट आयी।

पूरे वित्त वर्ष के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में 8.10 प्रतिशत, हस्तशिल्प में 2.36 प्रतिशत, सूती धागों में 10.67 प्रतिशत, इंजीनियरिंग में 5.87 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषण में 11 प्रतिशत और चमड़ा उत्पादों में 9.64 प्रतिशत की गिरावट आयी। चाय, कॉफी, चावल, तंबाकू और काजू के निर्यात में भी गिरावट देखने को मिली।

भारत का निर्यात 2011-12 से 300 अरब डॉलर के आस-पास ही है। 2017-18 में यह करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 303 अरब डॉलर और 2018-19 में 330.08 अरब डॉलर रहा है।

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