विदेश की खबरें | रूस-चीन पर भारत की चिंता वैश्विक मुद्दों को लेकर सोच को प्रभावित करेगी: अमेरिकी अधिकारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘बेहद तनावपूर्ण स्थिति’ का सामना कर रहे भारत को रूस और चीन के बीच ‘घनिष्ठ संबंधों’ को लेकर चिंता है तथा यह वैश्विक मुद्दों पर निर्णय लेते समय उसकी सोच को प्रभावित करने वाला है।

वाशिंगटन, 12 अप्रैल अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘बेहद तनावपूर्ण स्थिति’ का सामना कर रहे भारत को रूस और चीन के बीच ‘घनिष्ठ संबंधों’ को लेकर चिंता है तथा यह वैश्विक मुद्दों पर निर्णय लेते समय उसकी सोच को प्रभावित करने वाला है।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति जो बाइडन की डिजिटल तरीके से बैठक पर अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की। अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं यही कहना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी के सामने अपने विचारों को स्पष्ट रूप से साझा करने का अवसर था कि क्या हो रहा है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि रूस की चिंताएं हैं। हम इससे अवगत हैं कि रूस और चीन के संबंधों को लेकर भारत की चिंताएं हैं। भारत, निश्चित रूप से एलएसी पर बहुत तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है...और जब भारत चीन और रूस के बीच घनिष्ठ संबंधों को देखता है, तो यह स्पष्ट रूप से उसकी सोच को प्रभावित करने वाला है।’’

अधिकारी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या बाइडन ने विशेष रूप से भारत को यूक्रेन संकट पर एक पक्ष लेने के लिए कहा है।

अधिकारी ने कहा कि बाइडन के लिए यह करीबी परामर्श को जारी रखने का मौका था। उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन के खिलाफ कई हफ्तों से जारी रूस के बर्बर युद्ध के दौरान हमारी सरकार में और कई अलग-अलग स्तरों पर भारत के साथ वार्ता होती रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपने फैसले खुद करने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सार्वजनिक टिप्पणी में स्थिति का जिक्र किया और चर्चा हुई। मेरा मतलब है, राष्ट्रपति ने अपने विचार साझा किए और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार साझा किए।’’

यूक्रेन संकट पर भारत के रुख और रूस से रियायती तेल की खरीद के फैसले को लेकर वाशिंगटन में कुछ बेचैनी है। अपने ‘क्वाड’ भागीदार देशों के विपरीत भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण पर संयुक्त राष्ट्र के मंच पर मतदान से दूरी बनाकर रखी है।

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