देश की खबरें | पूर्वी लद्दाख में आर-पार की जंग लड़ने के लिये पूरी तरह तैयार भारतीय सेना : उत्तरी कमान

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय सेना ने बुधवार को जोर देते हुए कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में सर्दी में भी आर-पार की जंग लड़ने के लिये पूरी तरह तैयार है। साथ ही उसने कहा कि अगर चीन युद्ध छेड़ता है तो उसे अच्छी तरह प्रशिक्षित, बेहतर ढंग से तैयार, पूरी तरह चौकस और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत भारतीय सैनिकों का सामना करना होगा।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

जम्मू, 16 सितंबर भारतीय सेना ने बुधवार को जोर देते हुए कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में सर्दी में भी आर-पार की जंग लड़ने के लिये पूरी तरह तैयार है। साथ ही उसने कहा कि अगर चीन युद्ध छेड़ता है तो उसे अच्छी तरह प्रशिक्षित, बेहतर ढंग से तैयार, पूरी तरह चौकस और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत भारतीय सैनिकों का सामना करना होगा।

सेना ने एक बयान में कहा कि शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत भारतीय सैनिकों के मुकाबले अधिकतर चीनी सैनिक शहरी इलाकों से आते हैं। वे जमीनी हालात की दिक्कतों से वाकिफ और लंबे समय तक तैनात रहने के आदी नहीं होते।

यह भी पढ़े | Sherlyn Chopra Hot Photos: शर्लिन चोपड़ा ने नेट गाउन पहन फैंस किया हैरान, हॉटनेस देखते रह जाएंगे आप.

सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय ने ये बातें चीन के आधिकारिक मीडिया प्लेटफॉर्म 'ग्लोबल टाइम्स' की उस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहीं, जिसमें कहा गया था कि भारत सर्दियों में प्रभावी ढंग से लड़ाई नहीं लड़ पाएगा।

उत्तरी कमान के प्रवक्ता ने कहा, ''यह घमंड का जीता जागता उदाहरण है। भारतीय सेना सर्दी में भी पूर्वी लद्दाख में आर-पार की जंग लड़ने के लिये पूरी तरह तैयार है।''

यह भी पढ़े | Kerala Gold Smuggling Case: राज्य मंत्री के.टी. जलील के इस्तीफे की मांग को लेकर NSUI के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे.

प्रवक्ता ने कहा, ''भारत एक शांतिप्रिय देश है और पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखना चाहता है। भारत हमेशा संवाद के जरिये मुद्दों के समाधान को तरजीह देता है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद हल करने को लेकर बातचीत जारी है। जहां तक सेना की बात है, तो वह लंबे गतिरोध के लिये तैयार है।''

उन्होंने कहा कि लद्दाख में ऊंचे से भी बहुत अधिक ऊंचे स्तर के स्थान है। नवंबर के बाद यहां 40 फुट तक बर्फ जम जाती है।

प्रवक्ता ने कहा, ''इसके अलावा, तापमान शून्य से नीचे 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाना आम बात है। शीतलहर सैनिकों के लिये और भी ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर देती हैं। बर्फबारी के चलते सड़कें बंद हो जाती हैं। लेकिन इन सबके बावजूद भारत के लिये जो सबसे अच्छी बात है, वो यह है कि भारतीय सैनिकों के पास सर्दी में युद्ध लड़ने का बेमिसाल अनुभव है और वे कम समय में भी जंग के लिये खुद को मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार कर सकते हैं।''

उन्होंने कहा कि ये सभी तथ्य तो दुनिया जानती है, लेकिन सेना की संचालन क्षमता के बारे में शायद ही कोई जानता हो।

प्रवक्ता ने कहा कि यहां यह बताना बहुत जरूरी है कि सेना को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का भी अनुभव है, जहां चीन से लगी सीमा के मुकाबले हालत बहुत मुश्किल होते हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\