जरुरी जानकारी | भारत निश्चित ही अपनी आर्थिक वृद्धि फिर से हासिल करेगा, सुधारों से मिलेगी मदद: मोदी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूड़ीज की ओर से भारत की क्रेडिट रेटिंग घटाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जोर देते हुये कहा कि भारत निश्चित रूप से अपनी आर्थिक वृद्धि फिर से हासिल कर लेगा और कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो सुधार शुरू किये गये हैं उनसे आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली, दो जून वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूड़ीज की ओर से भारत की क्रेडिट रेटिंग घटाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जोर देते हुये कहा कि भारत निश्चित रूप से अपनी आर्थिक वृद्धि फिर से हासिल कर लेगा और कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो सुधार शुरू किये गये हैं उनसे आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने देश को प्रगति के नये रास्ते पर आगे ले जाने के लिये नये संरचनात्मक सुधारों को बढ़ाने का संकल्प जताते हुये आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को समझाया। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है जहां दुनिया के लिये भारत में उत्पाद तैयार किये जायेंगे और एक ऐसा देश जो कि अपनी रणनीतिक जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर न हो।
यह भी पढ़े | Monsoon 2020: केरल में झमाझम बारिश, पूरे देश के लिए भी अच्छी खबर, जानें मानसून की बड़ी अपडेट.
प्रधानमंत्री मोदी यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक आम बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए कठोर कदम उठाए हैं और साथ ही अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखा है।
उन्होंने भारतीय उद्योगपतियों से परीक्षा की इस घड़ी में ग्रामीण भारत के साथ साझेदारी करने और इस अवसर में भागीदार बनने का आह्वान किया।
यह भी पढ़े | Mann Ki Baat Highlights: पीएम मोदी ने कहा, अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा खुला, अब ज्यादा सावधानी की जरूरत.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को उच्च वृद्धि के रास्ते पर वापस लाने के लिए इच्छाशक्ति, समावेश, निवेश, बुनियादी ढांचा और नवाचार महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ हमें अपने लोगों के जीवन को सुरक्षित करना होगा और दूसरी तरफ हमें अर्थव्यवस्था को स्थिर करना होगा और अर्थव्यवस्था को गति देनी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना ने भले ही हमारी (वृद्धि की) गति को धीमा कर दिया है, लेकिन भारत अब लॉकडाउन से आगे बढ़कर अनलॉक के पहले चरण में प्रवेश कर चुका है। अनलॉक चरण-1 ने अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से को फिर खोल दिया है।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग ने एक बार फिर वृद्धि की बातें करनी शुरू कर दी हैं। उन्होंने जोर दिया, ‘‘हां, हम निश्चित रूप से अपनी वृद्धि को पुन: हासिल करेंगे।’’
मोदी ने कहा कि उन्हें किसानों, छोटे कारोबारियों और उद्यमियों से आर्थिक वृद्धि को वापस पाने का विश्वास मिलता है।
उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को भारत की सावरेन (राष्ट्रीय) क्रेडिट रेटिंग को ‘बीएए2’ से घटाकर ‘बीएए3’ कर दिया। एजेंसी ने कहा है कि नीति निर्माताओं के समक्ष आने वाले समय में निम्न आर्थिक वृद्धि, बिगड़ती वित्तीय स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के दबाव जोखिम को कम करने की चुनौतियां खड़ी होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए सुधार कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं है। हमारे लिए सुधार व्यवस्थित, योजनाबद्ध, एकीकृत, आपस में जुड़ी हुई और भविष्य को ध्यान में रखकर की गई प्रक्रिया है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारे लिए सुधारों का मतलब है, फैसले लेने का साहस करना, और उन्हें तार्किक अंजाम तक ले जाना।’’
सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का फैसला किया। इसके तहत वाणिज्यिक खनन की अनुमति देकर कोयला क्षेत्र को मुक्त कर दिया गया और अंतरिक्ष तथा परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निजी निवेश की अनुमति दी गई। इसके अलावा लंबे समय से अटके कई श्रम सुधार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धि को वापस पाना उतना मुश्किल नहीं है और आत्मनिर्भर भारत इसका रास्ता है।’’
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि देश खुद मजबूत होकर दुनिया को गले लगाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ पूरी तरह जुड़ा होगा और उसके लिए मददगार भी होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए निवेश करना होगा, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भागीदारी को मजबूत कर सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे उत्पाद बनाने की जरूरत है, जो ‘मेड इन इंडिया’ और ‘मेड फॉर द वर्ल्ड’ हो।’’
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में आयात में कटौती की जाएगी, उत्पादन के लक्ष्यों में बढ़ोतरी होगी और रणनीतिक क्षेत्रों में हम दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत ऐसे मजबूत उद्योगों की स्थापना के लिये जो वैश्विक ताकत बन सकते हों, जो रोजगार पैदा करने में सक्षम हों और जो हमारे देश के भविष्य को परिभाषित कर सकते हों।
उन्होंने कहा कि भारत अपने निर्यात को बढ़ा सकता है और फर्नीचर, एयर-कंडीशनिंग, चमड़ा और जूते जैसे क्षेत्रों में नौकरियां पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडी समिति (एपीएससी) अधिनियम में संशोधन करके किसानों को राहत पहुंचाने के लिए उपाए किए गए हैं और अब किसानों को अपनी शर्तों पर अपनी उपज बेचने का अधिकार मिलेगा।
देश दो माह से अधिक के लॉकडाउन के बाद अब लॉकडाउन खोलने की पहले चरण की तरफ बढ़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अनलॉक के पहले चरण में अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को खोल दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)