देश की खबरें | भारत ने कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने की मांग दोहरायी

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर भारत ने कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने की अपनी मांग बृहस्पतिवार को फिर दोहरायी । एक दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस जटिल मुद्दे के अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिये विशेषज्ञों के एक समूह का गठन किया है।

कोविड-19 की उत्पत्ति का विषय पिछले करीब डेढ वर्षो से काफी जटिल मुद्दा बना हुआ है जब यह वायरस सबसे पहले चीन के वुहान में सामने आया था ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत से जाने माने महामारीविद रमण गंगाखेदकर तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की राष्ट्रीय पीठ के डा. सी जी पंडित को वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिये 26 सदस्यीय इस वैज्ञानिक सलाहकार समूह का सदस्य बनाया गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने जो पहले कहा है, उसे हम दोहराते हैं । इस विषय पर आगे अध्ययन और उत्पत्ति के संबंध में आंकड़ों तथा सभी संबंधित पक्षों की समझ एवं सहयोग को लेकर हमारे हित (जुड़े) हैं ।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें हालांकि डब्ल्यूएचओ के पूरे निर्णय के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।

गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख ट्रेडोस ए गेब्रेयेसस ने नोवेल पैथोजन (एसएजीओ) की उत्पत्ति का पता लगाने के लिये वैज्ञानिक सलाहकार समूह का गठन करने की बुधवार को घोषणा की थी ।

इससे पहले, अप्रैल में एक रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ऐसी संभावना नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान के लैब से लीक हुआ और संभावना है कि यह चमगादड़ों से फैला ।

इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने इस बात पर चिंता जतायी थी कि चीनी प्रशासन डब्ल्यूएचओ की टीम को पूरा आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा रहा है।

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