देश की खबरें | भारत ने मालदीव को उसके आर्थिक मुद्दों से निपटने में सहयोग का वादा किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत की ‘‘पड़ोस पहले’’ नीति का मालदीव एक शानदार उदाहरण है और उन्होंने हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश को नयी दिल्ली के सहयोग का वादा किया।
नयी दिल्ली, तीन जनवरी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत की ‘‘पड़ोस पहले’’ नीति का मालदीव एक शानदार उदाहरण है और उन्होंने हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश को नयी दिल्ली के सहयोग का वादा किया।
मालदीव की अर्थव्यवस्था कुछ हद तक संकट का सामना कर रही है।
जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला खलील के साथ बैठक की शुरुआत में, भारत और मालदीव के बीच व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के सिलसिले में एक रूपरेखा को अंतिम रूप देने का उल्लेख किया। साथ ही, आर्थिक समस्याओं से निपटने में द्वीपीय देश की मदद के लिए नयी दिल्ली की ओर से दी गई वित्तीय सहायता का उल्लेख किया।
दोनों पक्षों ने भारत से अनुदान सहायता के माध्यम से मालदीव में तीसरे चरण के तहत उच्च सामुदायिक प्रभाव वाली विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
वार्ता के दौरान खलील ने व्यापक आर्थिक व समुद्री सुरक्षा साझेदारी संबंधी भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में नयी दिल्ली के साथ मिलकर काम करने की राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु की दृढ़ प्रतिबद्धता प्रकट की।
खलील व्यापार और निवेश समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीके तलाशने के लिए बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे थे।
जयशंकर ने कहा, "दोनों देशों के बीच व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं।"
उन्होंने कहा, "विभिन्न क्षेत्रों में हमारी भागीदारी बढ़ी है और भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है। हमारे लिए, आपके साथ सहयोग हमारी ‘पड़ोस पहले’ नीति का शानदार उदाहरण है।”
विदेश मंत्री ने मालदीव को भारत की ओर से दी गई आर्थिक सहायता के बारे में बताते हुए 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मुद्रा आदान-प्रदान व्यवस्था का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, "हमने मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की भी सुविधा प्रदान की है। यह हमारे संबंधों में एक परंपरा रही है।"
उन्होंने कहा, "हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि हमारे संबंधों ने इस कठिन समय से निपटने में आपकी मदद की है।"
वहीं विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खलील ने जरूरत के समय भारत द्वारा मालदीव को दी गई समय पर आपातकालीन वित्तीय सहायता की सराहना की।
बयान में कहा गया है, "विदेश मंत्री खलील ने भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जु और मालदीव सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की।"
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