देश की खबरें | भारत चौथी औद्योगिकी क्रांति की चुनौतियों का सामना करने, इसका फायदा उठाने के लिए तैयार है : मुर्मू
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फरीदाबाद (हरियाणा), 21 अगस्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति से पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने और इससे उत्पन्न अवसरों का फायदा उठाने के लिए तैयार है।
मुर्मू ने यहां जे सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पाचवें दीक्षांत समारोह में कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग उचित तथा सतत विकास और जनहित के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में है।
उन्होंने कहा कि भारत भी इस क्रांति की चुनौतियों का सामना करने और इसके अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने में जे सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में कई औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौते किए हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत-सी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के लिए इस विश्वविद्यालय के परिसर में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किए हैं।
मुर्मू ने कहा कि वर्तमान में प्रौद्योगिकी के विकास के कारण प्रगति के अनेक रास्ते खुल गए हैं।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच ने ऑनलाइन रोजगार के अनेक अवसर पैदा किए हैं, लेकिन ‘ हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि प्रौद्योगिकी का उपयोग उचित तथा सतत विकास और जनहित के लिए किया जाना चाहिए क्योंकि इसका गलत उपयोग विनाशकारी हो सकता है।’
राष्ट्रपति ने युवाओं को कुशल और आत्म-निर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए इस विश्वविद्यालय की सराहना की।
मुर्मू ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है, जो संभवतः दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने वैज्ञानिक रूप से यह साबित किया कि पेड़-पौधों में भी भावनाएं होती हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी क्रांतिकारी खोज ने वनस्पति जगत को देखने का हमारा नजरिया बदल दिया। उन्होंने छात्रों से उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेने और प्रौद्योगिकी के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया।
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