देश की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश का भारत दे रहा है मुंहतोड़ जवाब: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिशों को आज देश मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और दुनिया भारत के इस अवतार को देख रही है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी.
कोलकाता, 24 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिशों को आज देश मुंहतोड़ जवाब दे रहा है और दुनिया भारत के इस अवतार को देख रही है. स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर यहां विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ भारत की लड़ाई और भारत द्वारा दुनिया के देशों को इसके टीके की आपूर्ति किए जाने को देखते तो नेताजी भी गर्व करते.उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य से आज देश का जन-जन जुड़ गया है और दुनिया की कोई ताकत भारत को आत्मनिर्भर बनने से रोक सके.
मोदी ने कहा, "नेताजी ने जिस भारत की कल्पना की थी, एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) से लेकर एलओसी (नियंत्रण रेखा) तक, भारत का यही अवतार दुनिया देख रही है. जहां कहीं से भी भारत की संप्रुता को चुनौती देने की कोशिश की गई, भारत उसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है." नेताजी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज हर भारतीय का लक्ष्य भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है. उन्होंने कहा, "देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है. नेताजी ने कहा था कि आजाद भारत के सपने में कभी भरोसा मत खोइए. दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को बांधकर रख सके. वाकई दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो 130 करोड़ देशवसियों को अपने भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने से रोक सके."
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नेताजी को आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की सबसे बड़ी प्रेरणा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भूमिका नेताजी ने देश की आजादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है. इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया. नेताजी के जीवन पर आधारित एक स्थायी प्रदर्शनी और एक प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी प्रधानमंत्री ने उद्घाटन करेंगे. वह यहां के भवानीपुर इलाके में स्थित नेताजी भवन और नेशनल लाइब्रेरी का दौरा किया. वहां 21वीं सदी में नेताजी की विरासत का पुन:अवलोकन विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है. वहां कलाकारों की ओर से एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
प्रधानमंत्री ने कलाकारों और सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से संवाद किया. यहां से प्रधानमंत्री सीधे विक्टोरिया मेमोरियल पहुंचे जहां उन्होंने पराक्रम दिवस समारोह में हिस्सा लिया. सरकार ने पिछले दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय किया. गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी.